पंडित प्रदीप मिश्रा के रुद्राक्ष वितरण महोत्सव पर आयोग की टेढ़ी नजर, सीहोर कलेक्टर, एसपी को नोटिस जारी, आखिर क्यों बने ऐसे हालात

Sehore Kubereshwar Dham Case Commission Notice Issued : सीहोर स्थित कुबेरेश्वर धाम में सात दिवसीय शिव महापुराण कथा और रुद्राक्ष वितरण के कार्यक्रम में मची भगदड़ और अव्यवस्थाओं को लेकर राज्य मानव अधिकार आयोग ने सीहोर कलेक्टर और एसपी को नोटिस जारी किया है। अव्यवस्थाओं के कारण नागरिकों को हुई कई असुविधाओं पर मप्र मानव अधिकार आयोग ने लिया स्वतः संज्ञान लेकर  कलेक्टर एवं एसपी सीहोर को नोटिस जारी करते हुए पांच बिन्दुओं पर एक सप्ताह में जवाब मांगा है।

मप्र मानव अधिकार आयोग ने लिया संज्ञान 

मप्र मानव अधिकार आयोग ने  भोपाल-इंदौर हाईवे पर 27 किलोमीटर जाम, कुबेरेश्वर धाम में भगदड़ जैसे हालात व अन्य  घटनाओं पर स्वयं संज्ञान लिया है। मामले में आयोग ने प्रकरण क्र. 1240/सीहोर/2023 दर्जकर कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक, सीहोर से अगले एक सप्ताह में तथ्यात्मक प्रतिवेदन मांगा है।  कुबेरेश्वर धाम में किये जा रहे आयोजन/कार्यक्रम के संबंध में आयोजकों द्वारा किस सीमा तक अनुमानित संख्या व अन्य व्यवस्थायें किये जाने के संबंध में जानकारी देते हुए लिखित में अनुमति चाही गई थी, आयोग ने सवाल किया है कि अनुमति के आवेदन पर विचार कर जिला प्रशासन, सीहोर द्वारा अपने प्रशासनिक अनुभवों का उपयोग करते हुए ऐसे अयोजन में कितनी अनुमानित संख्या, प्रथम दृष्टया पाते हुए अनुमति देते हुए, ऐसे स्थल पर आ रहे व्यक्तियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य व अन्य जीवन की मूल आवश्यकताओं की उपलब्धता को सुनिश्चित किया गया था। वही आयोजन स्थल के पास स्थित राज्य राजमार्ग पर निर्बाध यातायात के साथ ही कार्यस्थल के आसपास यातायात, पार्किंग आदि के संबंध में आयोजकों द्वारा बतायी गई अनुमानित संख्या और जिला प्रशासन द्वारा अनुमानित संख्या के आधार पर क्या व्यवस्था की गई थी, इसके साथ ही कार्यक्रम के प्रथम दिवस में ही बतायी गई सारी व्यवस्थाएं लगाये गये अनुमानों से अत्यधिक संख्या में व्यक्तियों और वाहनों के आने से अनियंत्रित होने से व्यक्तियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को संभालने के लिए समाधान के क्या प्रयास किये गये हैं।

नोटिस जारी 

आयोग ने नोटिस जारी कर पूछा है कि कार्यक्रम के प्रथम दिवस ही की गई व्यवस्थाओं से कई गुना अधिक संख्या में व्यक्ति और वाहनों के आने से अनियंत्रित हुए ऐसे वातावरण/परिस्थितियों को ठीक करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा क्या वैधानिक कार्यवाही की गई है, क्योंकि व्यक्तिगत स्वतंत्रता और ऐसे कार्यक्रमों को इसी अनुरूप कर सकने की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार भी लोक व्यवस्था तथा ऐसी विषम परिस्थितियों को नियंत्रित करने के लिए उपलब्ध वैधानिक प्रावधानों के अधीन ही संविधान में मान्य किये हैं। यहां तक कि ऐसी व्यवस्था को सदाचार और स्वास्थ्य के अन्य उपबंधों के अधीन रहते हुए ही मान्य किया गया है।

एक हफ्ते में मांगा जवाब 

मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक, सीहोर से कहा है कि उपरोक्त सभी बिन्दुओं पर सभी आवश्यक दस्तावेजात सहित अगले एक सप्ताह में तथ्यात्मक प्रतिवेदन प्रस्तुत करें, जिससे ऐसे आयोजनों में जिला प्रशासन की भूमिका स्पष्ट हो सके और व्यक्ति को प्राप्त मौलिक और मानव अधिकारों का भी उचित संरक्षण हो सके।आयोग द्वारा कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक सीहोर को फैक्स के माध्यम से सूचना-पत्र (नोटिस) भेजा गया है।

16 फरवरी से  22 फरवरी तक सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा रुद्राक्ष वितरण महोत्सव बना लोगों के लिए परेशानी का सबब 

गौरतलब है कि  16 फरवरी से  22 फरवरी तक सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा रुद्राक्ष वितरण महोत्सव आयोजित किया जा रहा है जिसमें लोगों को रुद्राक्ष बाँटे जा रहे है, लेकिन इस कार्यक्रम के शुरू होते ही यह विवादों में आ गया दरअसल इस महोत्सव में पहले दिन ही करीबन 8 लाख से ज्यादा लोग पहुँच गए और अव्यवस्था और भीड़ के चलते यहाँ भगदड़ मच गई जिसके चलते एक महिला की मौत हो गई और वही 70 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, शुक्रवार को भी यहाँ एक मासूम और महिला ने दम तोड़ दिया, जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 3 हो गई। पूरा महोत्सव ने हजारों लाखों लोगों को परेशान कर दिया, आलम यह था कि भोपाल से लेकर सीहोर और सीहोर से लेकर इंदौर तक हाइवे में 20-20 किलोमीटर लंबा जाम लग गया।


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Harpreet Kaur

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