बिजली चोरी, मीटर में छेड़छाड़, अवैध विद्युत कनेक्‍शन की शिकायत करें, 50000 रुपये तक का इनाम पायें, शासन ने लॉन्च किया ऐप

V मित्र ऐप की मुख्य विशेषता यह है कि यह उपयोगकर्ता को गूगल को-ऑर्डिनेट्स के माध्यम से अपने स्थान के 750 मीटर के दायरे में आने वाले सभी उपभोक्ताओं का विवरण देखने की सुविधा देता है।

मध्य प्रदेश सरकार बिजली चोरी पर पूरी तरह अंकुश लगाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, कंपनी के अधिकारी अपने स्तर पर चोरी का पता लगाकर तत्काल एक्शन ले रहे हैं, अब बिजली कंपनी जन सहयोग से भी बिजली चोरी रोकने का प्रयास कर रही है इसके लिए कंपनी ने ऐप लॉन्च किया है।

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने एक अभिनव मोबाइल एप्लीकेशन ‘विद्युत मित्र (V-Mitra)’ विकसित किया है। यह ऐप कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट और गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है।

क्या है V मित्र ऐप 

बिजली कंपनी ने बताया कि V मित्र ऐप के माध्‍यम से अब कोई भी व्यक्ति बिजली चोरी, मीटर में छेड़छाड़, अवैध विद्युत कनेक्‍शन, अवैध पॉवर एक्सटेंशन, एक ही स्‍थान पर एक से अधिक बिजली कनेक्शन, बिजली कनेक्‍शन का अवैध रूप से विस्‍तार एवं अधिक लोड का इस्‍तेमाल करने वालों की शिकायत कर सकेंगे और की गई शिकायतों की लाइव मॉनिटरिंग भी कर सकेंगे। V मित्र ऐप “जनता का ऑडिट, जनता के द्वारा, जनता के लिए” के सिद्धांत पर काम करता है ।

यहां से डाउनलोड करें V मित्र ऐप 

V मित्र ऐप को गूगल प्‍ले स्‍टोर में जाकर डाउनलोड क‍िया जा सकता है। उपयोगकर्ता को शिकायत करने के लिए पंजीकरण कराना आवश्‍यक है, इसके लिए क‍िसी भी दस्‍तावेज की आवश्‍यकता नहीं होगी, अब क‍िसी भी स्‍थान से शिकायत दर्ज करायी जा सकती है। जानकारी देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जायेगी। ऐप मोबाइल के जीपीएस द्वारा स्‍वयं लोकेशन कैप्‍चर करता है। शिकायतकर्ता अवैध कनेक्शन या मीटर छेड़छाड़ जैसी घटनाओं की तस्वीरें आसानी से अपलोड कर सकते हैं।

कैसे करें शिकायत

जिस बिजली उपभोक्ता की शिकायत की जाना है, उस उपभोक्ता का IVRS नंबर दर्ज करना होगा और फिर की जा रही अनियमितता चुनाव करते हुए फोटो अपलोड कर रिपोर्ट सबमिट करना होगा। यदि IVRS नंबर उपलब्ध नहीं है, तो ऐप स्वचलित रूप से उपयोगकर्ता के वर्तमान स्थान की GPS लोकेशन कैप्चर करेगा। यहां भी फोटो अपलोड करनी होगी ।

पुरस्कार की अधिकतम राशि 50000 रुपये  

कंपनी ने बताया कि शिकायतकर्ता की शिकायत पर कंपनी की सतर्कता जांच टीम संबंधित स्थल पर पहुंचकर जांच करेगी। शिकायत सही पाये जाने पर इनाम की राशि सीधे शिकायतकर्ता द्वारा लिंक क‍िये गये बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की जायेगी, जो अधिकतम 50 हजार रुपये तक हो सकती है। शिकायत का लगातार अपडेट मिलता रहेगा। शिकायत के विरुद्ध क‍िसी भी प्रकार की अपील नहीं होने पर इनाम की राशि 7 दिन में बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जायेगी। आम नागरिक ऐप पर की गई शिकायतों के लंबित, प्रक्रियाधीन एवं पूर्ण होने की जानकारी प्राप्‍त कर सकते हैं। अनियमितता की श्रेणी के अनुसार, कंपनी ने इनाम राशि अलग-अलग स्लैब में तय की है। गलत जानकारी पर इनाम नहीं मिलेगा।

क्या V मित्र ऐप उपभोक्ता शिकायत प्लेटफॉर्म है

V मित्र ऐप केवल निगरानी के लिए है, यह उपभोक्ता की व्यक्तिगत शिकायतें (जैसे बिलिंग त्रुटियाँ, मीटर विवाद, मीटर कनेक्‍शन, बिजली कटौती) हल करने के लिए नहीं है। उसके लिए कंपनी के हेल्पलाइन नंबर 1912 या Nidaan पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

ऐप उपयोग के लिए यूज़र गाइड भी प्रकाशित

उपयोगकर्ताओं की सहायता के लिए कंपनी ने ऐप उपयोग की स्पष्ट दिशा-निर्देशों वाली एक पुस्तिका (यूज़र गाइड) भी प्रकाशित की है। इसके अतिरिक्त, कंपनी ने उपभोक्ता संबंधित जानकारी जैसे कि IVRS नंबर, लोड, श्रेणी, पता आदि सभी 24 जिलों के लिए अपनी वेबसाइट http://www.mpez.co.in पर सार्वजनिक कर दी है। कोई भी आम नागरिक इस जानकारी को देख सकता है।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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