शिकायतकर्ता ने DG EOW को लिखा पत्र, कहा- “इस घोटाले से मनोज श्रीवास्तव सर का कोई लेना देना नहीं, जाँच से नाम हटाया जाये”

शिकायतकर्ता ने आगे लिखा -  मामले की जाँच पंचायत विभाग के पीएस उमाकांत उमराव के कार्यकाल में जाँच अधिकारी IAS श्रीमती नेहा मारव्या द्वारा इन दोषी अधिकारियों के विरुद्ध आपराधिक धाराओं में कार्रवाई प्रस्तावित की गई इस जाँच रिपोर्ट में कहीं भी मनोज श्रीवास्तव सर का नाम नहीं है लेकिन अख़बारों में मनोज श्रीवास्तव सर का नाम लिया जा रहा है जो गलत है। 

IAS Manoj Srivastava

Letter to DG EOW : मध्य प्रदेश के पूर्व अपर मुख्य सचिव (ACS ) मनोज श्रीवास्तव का नाम एक घोटाले की जाँच में मीडिया में आने के बाद अब शिकायतकर्ता सामने आया है और उसने इस पर आपत्ति जताते हुए आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल (EOW Bhopal) के महानिदेशक को एक पत्र लिखा है और अनुरोध किया है कि इस घोटाले के जाँच से मनोज श्रीवास्तव सर का नाम हटाया जाये क्योंकि इससे उनका कोई लेना देना नहीं है ।

पूर्व IAS क अनाम घोटाले में आने से शिकायतकर्ता हैरान 

मध्य प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तत्कालीन सहायक जिला प्रबंधक जिला पंचायत रायसेन भूपेन्द्र प्रजापति द्वारा नियुक्तियों में हुई धांधली और घोटाले  की शिकायत पर ईओडब्ल्यू जाँच कर रहा है, इस जाँच से जुडी ख़बरें इन दिनों मीडिया की सुर्खियाँ भी बनी हुई हैं लेकिन इसमें शिकायतकर्ता को जो आश्चर्य है वो ये कि इसमें पंचायत विभाग में पूर्व अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव का नाम भी लिया जा रहा है।

शिकायतकर्ता ने DG EOW को एक पत्र लिखा

शिकायतकर्ता भूपेन्द्र प्रजापति ने इस पर आपत्ति जताई है और DG EOW को एक पत्र लिखा है, पत्र में शिकायतकर्ता ने लिखा मैंने 2019 में हुई नियुक्तियों में गड़बड़ी की शिकायत आजीविका मिशन के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी ललित मोहन बेलवाल के विरुद्ध की थी क्योंकि इनके द्वारा ही चयन सूची बदली गई थी और उस समय के अपर मुख्य सचिव इक़बाल सिंह बैंस के नजदीकी होने के कारण बेलवाल मनमानी करते रहे ।

ग्रामीण आजीविका मिशन भर्ती घोटाले से पूर्व IAS मनोज श्रीवास्तव का नाम हटाने का अनुरोध  

शिकायतकर्ता ने आगे लिखा –  मामले की जाँच पंचायत विभाग के पीएस उमाकांत उमराव के कार्यकाल में जाँच अधिकारी IAS श्रीमती नेहा मारव्या द्वारा इन दोषी अधिकारियों के विरुद्ध आपराधिक धाराओं में कार्रवाई प्रस्तावित की गई इस जाँच रिपोर्ट में कहीं भी मनोज श्रीवास्तव सर का नाम नहीं है लेकिन अख़बारों में मनोज श्रीवास्तव सर का नाम लिया जा रहा है जो गलत है अतः आपसे अनुरोध है कि जब इस मामले से रिटायर्ड IAS मनोज श्रीवास्तव सर का कोई लेना देना ही नहीं है तो उनका नाम यदि इसमें लिया जा रहा है तो उसे हटाया जाये और निश्पस्ख जाँच की जाये।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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