भोपाल। लोकसभा चुनाव बाद नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव द्वारा जल्दबाजी में कमलनाथ सरकार को फ्लोर टेस्ट करने को लेकर दिए गए बयान से फिलहाल सरकार मजबूत और एकजुट होती दिख रही है। भार्गव के बयान से डरे मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिल्ली से लौटकर तत्काल कैबिनेट एवं विधायकों की बैठक बुलाई। जिसमें कमलनाथ ने भाजपा पर सत्ता हथियाने जैसी कोशिश एवं अफवाह फैलाने के आरोप लगाए हैं। वहीं कांगे्रस एवं सहयोगी दलों के विधायकों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ पर भरोसा जताया है।
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव द्वारा जल्दबादी में आकर दिए गए बयान और विशेष सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल को लिखे गए पत्र से सत्ता पक्ष को संभलने का मौका मिल गया है। विधायक दल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्रियों को विधायकों के संपर्क में रहने और उनकी समस्या के समाधान का जिम्मा सौंप दिया है। मुख्यमंत्री ने कुछ विधायकों से अलग से चर्चा भी की है, ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि कुछ विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है।