जीतू पटवारी के भाइयों पर एफआईआर से भड़की कांग्रेस, निष्पक्ष जांच की मांग, दी आंदोलन की चेतावनी

उमंग सिंघार ने तंज कसते हुए कहा कि क्या भाजपा कांग्रेस से इतनी घबरा गई है कि अब राजनीतिक द्वेष के चलते व्यक्तिगत दुश्मनी निकालने पर उतर आई है?

मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी के भाइयों भरत पटवारी, नाना पटवारी एवं इंदौर जिला कांग्रेस अध्यक्ष सदाशिव यादव पर करोड़ों रुपये कीमत की करीब साढ़े 6 एकड़ जमीन पर कब्जे और धोखाधड़ी के आरोप में पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है, एफआईआर जमीन के असली मालिक 74 साल के बुजुर्ग नरेंद्र मेहता की शिकायत पर तेजाजी नगर थाना पुलिस ने दर्ज की है। अब इसपर सियासत तेज हो गई है, कांग्रेस ने शिकायत को षड्यंत्र  बताया है और इसकी निष्पक्ष जाँच की मांग की है।

इंदौर पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर पर कांग्रेस ने ऐतराज जताया है और इसे भाजपा और मध्य प्रदेश सरकार का षड्यंत्र बताया है, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल आज इसे लेकर पुलिस मुख्यालय पहुंचा और आवेदन देकर निष्पक्ष जाँच की मांग की।

कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल पहुंचा PHQ  

मीडिया से बात करते हुए उमंग सिंघार ने कहा कि हमने पुलिस ने अधिकारियों से मुलाकात कर उन्हें सबूत सौंपे हैं और निष्पक्ष जाँच की मांग की है, उन्होंने कहा कि ये केस राजनीतिक विद्वेष के चलते लगाया गया है और इसे इस प्रदेश में व्यक्तिगत दुश्मनी की शुरुआत कह सकते हैं जिसका खामियाजा भाजपा को उठाना पड़ेगा।

उमंग सिंघार ने आंदोलन की चेतावनी दी 

उमंग सिंघार ने कहा यादव समाज के इस ट्रस्ट में मुख्यमंत्री के भाई का भी नाम है तो वो कैसे आ गया इस जमीन के ट्रस्ट से जुड़े यादव समाज के सभी लोगों के नाम सामने आने चाहिए, राजनीति विकास से होती है व्यक्तिगत दुश्मनी से नहीं, उन्होंने कहा हमने निष्पक्ष जाँच की मांग की है यदि ऐसा नहीं होता है तो फिर पूरी कांग्रेस सड़क पर उतारेगी।

मुकेश नायक ने BJP नेताओं पर लगाये आरोप 

कांग्रेस नेता पूर्वमंत्री मुकेश नायक ने कहा कि जिस जमीन पर यादव समाज के ट्रस्ट का बोर्ड लगा है उसके संरक्षक मुख्यमंत्री के भाई है लेकिन वहां के खसरा नंबर पर उनका नाम ही नहीं है यानि उन्होंने वहां जबरन कब्ज़ा किया है और प्रतिशोध की भावना से जीतू पटवारी के भाईयों पर जूठी एफआईआर की गई है जबकि उस जमीन से उनका कोई लेना देना नहीं है।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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