GST पर कांग्रेस का बड़ा हमला, टी एस सिंहदेव ने कहा ये Of The Rich, By The Rich and For The Rich व्यवस्था

जीएसटी स्लैब पर नजर डालें तो सरकार ने 9 स्लैब बनाये हैं यानि 0 से 28 तक 9 अलग अलग  स्लैब है जो कहीं और नहीं हैं और उसके हिसाब से उपभोक्ता को जीएसटी चुकानी पड़ रही है।

Atul Saxena
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Congress attack on GST: देश में लागू जीएसटी व्यवस्था पर कांग्रेस ने एक बार फिर हमला किया है, देश में आज 12 जगह कांग्रेस ने आज इसे लेकर एकसाथ प्रेस कांफ्रेंस की और जीएसटी को लेकर सवाल उठाये, मध्य प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम टी एस सिंहदेव पहुंचे और उन्होंने मीडिया से बात की।

टी एस सिंहदेव ने कहा कि वन नेशन वन टैक्स के नाम पर लागू की गई जीएसटी व्यवस्था के आंकड़े बताते हैं कि सरकार ने ये व्यवस्था अमीरों के लिए लागू की है, उन्होंने कहा कि देश की उच्चतम आय वाली 10 प्रतिशत आबादी से मिलने वाला जीएसटी कलेक्शन मात्र 3 प्रतिशत है यानि उनका देश के विकास में राजस्व सहयोग मात्र 3 फीसदी है।

GST अमीरों की, अमीरों के द्वारा और अमीरों के लिए लागू व्यवस्था 

कांग्रेस नेता सिंहदेव ने कहा कि जीएसटी व्यवस्था अमीरों की, अमीरों के द्वारा और अमीरों के लिए लागू व्यवस्था है अर्थात ये Of The Rich, By The Rich and For The Rich व्यवस्था है इसका लाभ केवल देश के अमीरों को  मिल रहा है कम आय वाला तो आज भी पिस रहा है।

पुरानी टैक्स व्यवस्था बेहतर थी 

टी एस सिंहदेव ने कहा आज अमीर आबादी केवल 3 प्रतिशत जीएसटी दे रही है वहीं  देश की निचली 50 प्रतिशत अबाधि 64 प्रतिशत जीएसटी में राजस्त्व दे रही है, उन्होंने कहा कि पहले इनकम, वेट टैक्स की व्यवस्था थी लेकिन आज टैक्स को एक साथ कर दिया है।

देश में जीएसटी के 9 स्लैब जो और कहीं नहीं 

उन्होंने कहा कि जीएसटी स्लैब पर नजर डालें तो सरकार ने 9 स्लैब बनाये हैं यानि 0 से 28 तक 9 अलग अलग  स्लैब है जो कहीं और नहीं हैं और उसके हिसाब से उपभोक्ता को जीएसटी चुकानी पड़ रही है, उन्होंने कहा कि सरकार ने इसे लागू करते समय बड़ी बड़ी बातें की थी कांग्रेस ने तब इसका विरोध नहीं किया था लेकिन आज जीएसटी व्यवस्था से आम आदमी पिस रहा है और अमीर फायदे में हैं हम इसका विरोध करते हैं।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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