भोपाल।
मुख्यमंत्री कमलनाथ के पीसीसी को लेकर दिए गए बयान के बाद प्रदेश में जमकर सियासत गर्मा गई है। जबलपुर के बरगी से विधायक संजय यादव ने मंगलवार को प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया से मुलाकत के बाद फिर बुधवार को फेसबुक पर एक पोस्ट डाला जिसमें उन्होंने एक बार फिर कांग्रेस का प्रदेशाध्यक्ष बनाने की मांग की है।
यादव ने फेसबुक पोस्ट पर लिखा है कि जब भाजपा के एक सामान्य कार्यकर्ता व सांसद को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है तो कांग्रेस में क्यों नहीं..?जबकि मुझे 30 साल संगठन में कार्य करने का अनुभव है। मुझमे सांगठनिक छमता है तो मुझे अध्यक्ष क्यों नहीं….? सियासी हलचल के बीच एक के बाद एक नेताओं की दावेदारी फिर पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है।अबतक कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम तेजी से चल रहा है।
इसके पहले मंगलवार को संजय ने प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया से भी मुलाकत की और कहा कि दूसरी पंक्ति के नेताओं के नाम पर कांग्रेस को विचार करना चाहिए। संगठन में सशक्त नेता है जो कांग्रेस की कमान संभाल सकते है। हम भी वर्षों से संगठन के लिए काम कर रहे हैं। जब भाजपा में वीडी शर्मा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है तो कांग्रेस में सड़क पर लड़ाई लड़ने वाले युवा नेताओं को क्यों मौका नहीं दिया जा सकता। संजय ने उदाहरण देते हुए कहा कि जबलपुर में एबीवीपी की राजनीति करते थे तो वे नगर युवा कांग्रेस अध्यक्ष और पार्षद थे और शर्मा के खिलाफ उन्होंने राजनीतिक आंदोलन किए थे। खास बात ये है कि संजय यादव ने उस वक्त दावेदारी पेश की है जब समर्थक मंत्री-विधायक सिंधिया को पीसीसी चीफ बनाए जाने की मांग किए हुए है । वही पार्टी से सिंधिया की नाराजगी की चर्चाएं भी सरगर्म है।इसके पहले आदिवासी नेता और कांग्रेस विधायक बिसाहूलाल सिंह ने दावेदारी पेश की थी।
सुत्रों की माने तो कांग्रेस आलाकमान ने नया नाम तय कर लिया है, लेकिन फिलहाल वो नाम होल्ड कर रखा है। मध्यप्रदेश कांग्रेस की सियासी तकरार खत्म होने के बाद आलाकमान कांग्रेस के नए कप्तान के नाम का ऐलान करेगा।पार्टी को डर है कि गरमागरमी के माहौल में नाम का ऐलान होता है तो पार्टी को बड़ा नुक्सान उठाना पड़ सकता है।