श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय के नागरिक अभिनंदन को कांग्रेस ने मां अहिल्या का अपमान बताया, विरोध का ऐलान किया

कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने लिखा- जिन्हें उनका अभिनंदन करना है वे निजी स्तर या अपनी संस्थाओं के नाम पर करें हमें कोई आपत्ति नहीं है, मां अहिल्या के नाम का दुरुपयोग किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे। 

Atul Saxena
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Ram Mandir Champatarai

Champatrai Nagrik Abhinandan : मध्य प्रदेश के इंदौर में 9 सितंबर को अहिल्योत्सव समारोह में श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का नागरिक अभिनंदन किया जायेगा, कांग्रेस ने इसका विरोध किया है, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के मीडिया सलाहकार केके मिश्रा ने सोशल मीडिया पर विरोध की वजह साझा की है।  

केके मिश्रा ने X पर लिखा – इंदौर के गरिमामयी अहिल्योत्सव समारोह समिति के सम्मानित 5 सदस्यों को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में राज्य शासन द्वारा गठित समिति में शामिल होने पर हार्दिक बधाई, अफ़सोस है कि सभी वर्ग की आस्थाओं की सहभागिता को समर्पित यह समिति बिना किसी की सहमति से आगामी 9 सितंबर को दोपहर 2 बजे इंदौर के RNT मार्ग स्थित रवीन्द्रनाट्य गृह में उक्त ट्रस्ट जुड़े उन चंपतराय का नागरिक अभिनंदन करने जा रही है, जिनके ख़िलाफ़ अयोध्या में राममंदिर के लिये भूमि ख़रीदी में हुए संगीन और प्रामाणिक भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं?

आयोजन को मां अहिल्या के आदर्शों के खिलाफ बताया, विरोध का ऐलान  

यह राजनैतिक आयोजन पूर्णतः हमारी अस्मिता,सम्मान और वैश्विक पहचान मां अहिल्या के आदर्शों के ख़िलाफ़ है, यदि इसे निरस्त नहीं किया गया तो हम कार्यक्रम स्थल पर ही इसका विरोध करेंगे। माँ अहिल्या के आदर्शों को समर्पित हमारी आदर्श नेता सुमित्रा महाजन से मेरी सादर प्रार्थना है कि वे कृपाकर हमारी माता के सम्मान के नाम पर उनके आदर्शों का अपमान करने वाले इस घृणित आयोजन को रोकने हेतु संदर्भितों को निर्देश दें।

चंपतराय के अभिनंदन के लिए दी ये सलाह   

कांग्रेस नेता ने आगे लिखा-  जिन्हें उनका अभिनंदन करना है वे निजी स्तर या अपनी संस्थाओं के नाम पर करें हमें कोई आपत्ति नहीं है, मां अहिल्या के नाम का दुरुपयोग किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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