नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सहकारिता चुनाव को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बारह साल से सहकारिता चुनाव नहीं हुए हैं..ये बात भाजपा सरकार की किसान विरोधी मानसिकता और लोकतंत्र विरोधी मंशा को उजागर करती है।
उन्होंने X पर लिखा है कि ‘मैंने विधानसभा सत्र में यह मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया और कांग्रेस विधायकों के साथ मिलकर सदन से वॉकआउट भी किया। लेकिन सरकार न तो जवाब देती है, न ही लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बहाल करने में कोई रुचि दिखाती है।’
कांग्रेस ने सहकारिता चुनाव के मुद्दे पर सरकार को घेरा
कांग्रेस ने बारह साल से मध्य प्रदेश में सहकारिता चुना न होने पर भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। उसने इसे सरकार की किसान विरोधी मानसिकता और लोकतंत्र विरोधी मंशा का प्रतीक बताया। नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने कहा कि प्रदेश की 38 जिला सहकारी बैंकों और 4500 प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों (पैक्स) में वर्षों से निर्वाचित प्रतिनिधियों का अभाव है, जिससे इन संस्थाओं का संचालन लोकतांत्रिक तरीके से नहीं हो पा रहा।
उमंग सिंघार ने किए सवाल
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस मुद्दे पर प्रदेश सरकार से कई सवाल किए हैं। उन्होंने पूछा कि “क्या सहकारी संस्थाएं सरकार की जागीर हैं? क्या चुनाव टालकर भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद को बढ़ावा दिया जा रहा है? सहकारिता चुनाव कब होंगे? लोकतंत्र की बुनियादी प्रक्रिया को क्यों रोका जा रहा है? किसानों की आवाज़ को क्यों दबाया जा रहा है?” इस तरह कांग्रेस ने अब सहकारिता चुनाव के मुद्दे पर सरकार को घेरा है।
प्रदेश में सहकारिता चुनाव 12 साल से नहीं हुए!
यह भाजपा सरकार की किसान विरोधी मानसिकता और लोकतंत्र विरोधी मंशा को उजागर करता है।मैंने विधानसभा सत्र में यह मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया और कांग्रेस विधायकों के साथ मिलकर सदन से वॉकआउट भी किया। लेकिन सरकार न तो जवाब देती है, न ही…
— Umang Singhar (@UmangSinghar) June 9, 2025





