भारत का संविधान देता है सबको समान अधिकार : पाठक

भोपाल। हमारे देश का संविधान धर्म, जाति, लिंग का भेद किए बिना सभी को समान अधिकार देता है। धार्मिक या भाषाइ तौर पर जो कम संख्या में हैं, उन्हें भी वे सभी अधिकार प्राप्त हैं, जो बहुसंख्यकों के लिए मौजूद हैं। 

राज्य अल्पसंख्यक आयोग द्वारा गुरूवार को आयोजित अंतराष्ट्रीय अल्पसंख्यक दिवस के मौके पर यह बात कही गई। अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकार विषय पर कार्यक्रम के मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार पंकज पाठक ने कहा कि हमारे देश का कानून दुनिया के हर कानून से बेहतर है और यही हमारे देश की विशेषता है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि जरगाम हैदर ने सच्चर कमेटी के हवाले से कहा कि मुस्लिम समुदाय की स्थिति की बेहतरी के लिए ठोस कोशिशों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही ऐसा माध्यम है, जिसके जरिये सभी अल्पसंख्यक समुदाय अपनी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकते हैं। इस मौके पर आयोग अध्यक्ष नियाज मोहम्मद खान ने कहा कि भारत की संस्कृति और प्रकृति समन्वय-सामन्जस्य की है। समता, समरसता और सद्भाव भारतीय संविधान की मूल भावना है। उन्होंने कहा कि आदर्श शासन वही होता है, जिसमें मुल्क के अल्पसंख्यक समुदाय सुरक्षित और खुशहाल रहें।


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