भोपाल| मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा प्रारम्भिक परीक्षा में एक सवाल को लेकर विवाद खड़ा हो गया है| रविवार को प्रदेश भर में हुई इस परीक्षा में भील जनजाति के लोगों को आपराधिक प्रवृत्ति का बताये जाने पर सवाल खड़े हो रहे हैं| वरिष्ठ आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे और व्यापम घोटाले के व्हिसिल ब्लोअर डॉ. आनद राय ने सोशल मीडिया पर इस को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है|
राज्य सेवा प्रारम्भिक परीक्षा में एक प्रश्न में भील जनजाति को शराब में डूबी हुई जनजाति भी बताया है| इसमें उल्लेख किया गया है कि भीलो की आपराधिक प्रवृत्ति का एक प्रमुख कारण यह है कि यह सामान्य आय से अपनी देनदारियां पूरी नहीं कर पाते। फलतः धन उपार्जन की आशा में गैर वैधानिक तथा अनैतिक कामों में भी संलिप्त हो जाते हैं|
वरिष्ठ आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे प्रश् पत्र की कॉपी शेयर करते हुए फसेबूक पर लिखा ‘Mppsc ने आज परीक्षा में भील समाज पर आपत्तिजनक प्रश्न पूछे। आजादी के 72 साल बाद भी पूछा जा रहा है कि वो अपराध क्यो करते हैं ?साहूकारी के शोषण के अलावा अनैतिक कार्यों को गरीबी का कारण बताया है’
वहीं व्यापम घोटाले के व्हिसिल ब्लोअर डॉ. आनद राय ने फेसबुक पर लिखा ‘लोक सेवा आयोग की सचिव मनुवादी गढ़वाली ब्राह्मण रेणु पंत को अबिलम्ब बर्खास्त कर अनिवार्य सेवा निवृत्ति दी जाए,आदिवासियों के अपमान के लिए संघी भास्कर चौबे और रेणु पंत जिम्मेदार हैं,तत्काल एट्रोसिटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज हो ,सभी आदिवासी चिंतक कल लोकसेवा आयोग के सामने अपनी पारम्परिक बेषभूषा में आकर लोकसेवा आयोग के मनुवादी अध्यक्ष को आदिवासी समाज की ताकत का अहसास कराएं’। उन्होंने ट्वीट कर भी सवाल उठाये हैं|