भोपाल।
सोमवार को मोदी कैबिनेट के लिए बैठक में 1 साल तक सांसदों को 30% की कटौती के निर्णय को स्वेच्छा से स्वीकार करते हुए अब राज्यपाल लालजी टंडन ने भी अपने वेतन में 30% की कटौती को देशहित में सहयोग बताया है। राज्यपाल लालजी टंडन ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है कि वह अपने वेतन का 30 प्रतिशत राशि पीएम केयर्स फंड में तब तक जमा करेंगे जब तक यह संकट टल नहीं जाता।
राज्यपाल ने राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में कहा कि वह अपने वेतन का 30 प्रतिशत यानी की 1 लाख रुपए इस संकट की अवधि तक पीएम केयर्स फंड में जमा करेंगे। वही अपने पत्र में उन्होंने सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए अपनी तरफ से सहयोग की पहल की है। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मुख्यमंत्री के तौर पर मिलने वाले वेतन का 30% हिस्सा प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा करेंगे। सीएम चौहान ने कहा की अर्थव्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं है और देश महामारी की इस आपदा से गुजर रहा है जिससे देश में असाधारण स्थिति बनी हुई है। आवश्यकता है कि हम सभी भारतीय संपूर्ण शक्ति एवं संसाधन के साथ इस संक्रमण से निपटने की तैयारी करें। जरूरतमंदों एवं निर्धनों की आवश्यकता पूर्ति के लिए सीएम चौहान ने यह निर्णय लिया है कि उन्हें जो वेतन मिलता है। साल भर तक वह उस वेतन का 30% हिस्सा पीएम केयर फंड में जमा करेंगे और साथ ही अन्य व्यवस्थाओं के लिए अपने विधायक निधि का उपयोग करेंगे। वहीं उन्होंने समृद्ध लोगों से यह अपील की है कि वह अपने खर्चों में कटौती कर प्रदेश को महामारी संकट से जूझने के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष में स्वेच्छा से मदद करें।
बता दें कि कोरोना संकटकाल के बीच सोमवार को मोदी केबिनेट ने अहम बैठक लेते हुए दो महत्वपूर्ण निर्णय लिए। जिसमें 1 साल तक सभी सांसदों के वेतन में 30% की कटौती की जाएगी। जो कि 1 साल तक मान्य होगी। वहीं दूसरी तरफ एमपीएलएडी फंड को भी समाप्त कर दिया गया है। यानी कि अब 2 साल तक सांसदों को सांसद निधि का पैसा नहीं मिलेगा। अब इस फंड का उपयोग कोरोना वायरस से फैली महामारी से लड़ने के लिए किया जाएगा।