मध्यप्रदेश में महिला एवं बाल विकास संचालनालय में 100 करोड़ रुपये की टेंडर डील में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। यह खुलासा टेंडर प्रक्रिया में अनियमितता और भ्रष्टाचार से संबंधित है। मध्यप्रदेश महिला एवं बाल विकास संचालनालय की 100 करोड़ की टेंडर डील में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
टेंडर किसी के नाम का काम कोई और कर रहा
सरकारी संस्था केन्द्रीय भण्डार के नाम पर टेंडर भरा गया, लेकिन असल में दो निजी फर्में एलेक्स इंडस्ट्रीज और आदित्य ट्रेडिंग काम कर रही हैं। इस पूरे मामलें में सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि असली निर्माता कंपनी FUNSKOOL INDIA ने साफ कहा कि उसने केन्द्रीय भण्डार को कोई अधिकृत पत्र नहीं दिया है, बल्कि दो महीने पहले ही एलेक्स इंडस्ट्रीज और आदित्य ट्रेडिंग को अधिकृत किया गया था। सवाल उठता है कि आख़िर केन्द्रीय भण्डार ने FUNSKOOL का फर्जी आर्थोराइजेशन कैसे लगाकर टेंडर भरा। जबकि FUNSKOOL INDIA को अब तक कोई ऑर्डर ही नहीं मिला, तो फिर इतनी बड़ी मात्रा में सामग्री बन रही है, कौन बना रहा है, यह तक साफ नहीं हो पाया है।

टेंडर प्रक्रिया में अनियमितता
टेंडर प्रक्रिया में कई अनियमितताएं पाई गई हैं, जिससे यह साफ है कि टेंडर को मनमाने ढंग से जारी किया गया है। टेंडर डील में भ्रष्टाचार के आरोप लगे है। जो मामले को और गंभीर बनाते हैं। टेंडर डील की कुल लागत 100 करोड़ रुपये है, जो एक बड़ी राशि है। इस टेंडर डील में हुए खुलासे से शासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। इस मामले की जांच की जा रही है टेंडर प्रक्रिया तय समय में पूरी नहीं हुई, वही जांच के दौरान टेंडर प्रक्रिया में विभिन्न अनियमितताएं पाई गई हैं, जिनमें निविदा दस्तावेज में गड़बड़ी, बीओक्यू में बदलाव और तकनीकी बोलियों में हेरफेर शामिल हैं। इस भ्रष्टाचार में कुछ अधिकारियों और निजी व्यक्तियों का नाम शामिल है। यह मामला अभी भी जांच के अधीन है, आने वाले दिनों में इस मामलें में और चौकाने वाले खुलासे हो सकते है।
मूल निर्माता को जानकारी नहीं, फिर भी ठेका जारी और सप्लाई चालू
मामला सामने आने के बाद और कई सवाल खड़े हो गए है। क्या यह एक और सरकारी घोटाले की दस्तक है, क्या मासूम बच्चों के नाम पर बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है, क्या महिला एवं बाल विकास संचालनालय की आंखों के सामने यह सब हो रहा था क्यू किसी अधिकारी ने इसका विरोध नहीं किया। महिला एवं बाल विकास संचालनालय की 100 करोड़ रुपये की टॉय सप्लाई डील सनसनी बन गई है।
बॉम्बशेल इन्फॉर्मेशन
जिस निर्माता कंपनी FUNSKOOL INDIA का हवाला देकर यह टेंडर भरा गया, उसी कंपनी ने साफ कर दिया कि “हमने केन्द्रीय भण्डार को कोई अधिकृत पत्र नहीं दिया है।” बल्कि दो महीने पहले ही एलेक्स इंडस्ट्रीज और आदित्य ट्रेडिंग को अधिकृत किया गया था। इस पूरे मामलें में कई सवाल उठते है कि केन्द्रीय भण्डार ने FUNSKOOL का फर्जी ऑथोराइजेशन कहां से लाया, क्या ये एक प्री-प्लान्ड स्कैम है।