सौरभ शर्मा के सहयोगी शरद जायसवाल की कोर्ट में पेशी, अदालत ने 4 फरवरी तक पुलिस रिमांड पर भेजा

सरकारी वकील ने पेशी के दौरान शरद की तबियत ख़राब होने की उसके वकील की बात को ख़ारिज कर दिया, उन्होंने कहा शरद खुद मौजूद था उसने ऐसा कुछ नहीं बताया ना ही मेडिकल रिपोर्ट में कोई गंभीर बीमारी का जिक्र है।

Atul Saxena
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Bhopal News : एमपी के बहुचर्चित परिवहन घोटाले के मुख्य आरोपी पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के सहयोगी शरद जायसवाल को आज कोर्ट ने 4 फरवरी तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है, कल रात शरद की तबियत ख़राब होने पर उसे हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहाँ आज उसके इलाज के बाद आज लोकायुक्त ऑफिस लाया गाया और कोर्ट में पेश किया गया।

पेशी के दौरान शरद जायसवाल के वकील ने अदालत से अनुरोध किया कि शरद की तबियत ठीक नहीं है उसे चेस्ट पेन है इसलिए उसे मेडिकल सहायता उपलब्ध कराई जाये, जरुरत पड़ने पर उसका इलाज कराया जाये, जिसपर कोर्ट ने लोकायुक्त को निर्देश दिए कि आवश्यकतानुसार आरोपी शरद जायसवाल को चिकित्सा उपलब्ध कराई जाये, उसके स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाये।

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अदालत ने शरद जायसवाल को 4 फरवरी तक पुलिस रिमांड पर भेजा 

शरद जायसवाल के वकील सूर्यकान्त भुजाडे ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि कल रात गिरफ़्तारी के बाद शरद की तबियत ख़राब हो गई थी उसकी छाती में दर्द हुआ था उसे हमीदिया अस्पताल में चैक अप के लिए ले गए थे जहाँ इलाज के बाद देर रात डिस्चार्ज कर दिया गया आज उसे लोकायुक्त ने कोर्ट में पेश किया जहाँ कोर्ट ने 4 फरवरी तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।

गिरफ़्तारी को चुनौती देंगे शरद के वकील, बोले वो निर्दोष है 

शरद के वकील ने कहा पेशी के दौरान भी शरद की तबियत ख़राब हुई जिसपर हमने कोर्ट से मांग की है कि शरद के स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाएँ उसे जरूरत पड़ने पर इलाज दिया जाये कोर्ट ने हमारे निवेदन को स्वीकार किया है और लोकायुक्त पुलिस को निर्देश दिए हैं कि शरद के स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाये। उन्होंने दावा किया शरद निर्दोष है उसके घर से भी छापे में कुछ नहीं मिला, हम इस गिरफ़्तारी को भी अपने जमानत आवेदन में चुनौती देंगे।

पेशी के दौरान शरद की तबियत खराब होने की बात को सरकारी वकील ने ख़ारिज किया 

उधर सरकारी वकील विवेक कौर ने बताया आज शरद जायसवाल को कोर्ट में पेश किया गया, उनके वकील ने जिसपर कोई आपत्ति नहीं की, उनकी आपत्ति शरद के स्वास्थ्य को लेकर थी जिसपर कोर्ट ने लोकायुक्त को निर्देश दिए कि शरद के खान पान और उसके स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाए। सरकारी वकील ने पेशी के दौरान शरद की तबियत ख़राब होने की उसके वकील की बात को ख़ारिज कर दिया, उन्होंने कहा शरद खुद मौजूद था उसने ऐसा कुछ नहीं बताया ना ही मेडिकल रिपोर्ट में कोई गंभीर बीमारी का जिक्र है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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