भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। ‘राजस्थान, गुजरात और अन्य पड़ोसी राज्यों के बाद मध्यप्रदेश में भी बड़े पैमाने पर पशुओं में लंपी स्किन बीमारी फैल रही है। इससे न केवल पशु बीमार हो रहे हैं बल्कि उनकी मौतें भी हो रही हैं। मगर अभी तक प्रशासन और सरकार पशुधन के उपचार के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई है’ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने ये बयान जारी करते हुए कहा है कि कोरोना की महामारी के बाद यह बीमारी इतनी भयावह है कि देश के कुछ हिस्सों में तो इस बीमारी से मृत गायों और भैंसों को उठाने के लिए भी कोई तैयार नहीं है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने इस बीमारी से पीड़ित पशुओं का निशुल्क इलाज करने के साथ ही जिन किसानों और पशुपालकों के पशुओं की मौत हो गई है उन्हें उचित मुआवजा देने की मांग की है।
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जसविंदर सिंह ने कहा है कि एक ओर कोरोना की मार और फिर कृषि संकट के चलते पहले से ही कर्ज़ में डूबे किसानों के लिए पशुधन एटीएम की तरह होता है, जो मुसीबत के समय किसान का सहारा होता है। माकपा ने कहा है कि वैसे तो पशु व्यापार पर लगे प्रतिबंध ने ही किसानों के संकट को और गहरा कर दिया था, किन्तु अब इस बीमारी के बाद तो पशुधन किसानों के हाथ से ही निकलता हुआ नजर आ रहा है।
इस चिंतनीय स्थिति में सरकार की लापरवाही की निंदा करते हुए उन्होने कहा कि सरकार द्वारा संचालित अधिकांश पशु चिकित्सालय या तो जर्जर और डॉक्टर तथा दवा विहीन हैं और इस बीमारी का मुकाबला करने की स्थिति में नहीं है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की मांग है कि सरकार को पूरे प्रदेश में पशु चिकित्सा की स्थिति को सार्वजनिक करते हुए किसानों और पशुपालकों को जानकारी देना चाहिए कि वे उपचार के लिए कहां जाएं। पार्टी ने कहा है कि इस देशव्यापी आपदा का उपचार भी मिलकर करना होगा। सरकार को हर स्तर पर अन्य राज्यों के विशेषज्ञों से सम्पर्क कर पता लगाना होगा कि वह इस अनजान बीमारी का इलाज कैसे कर रहे हैं।