भोपाल। राजधानी के एक छोर पर बसी वह बस्ती वैसे तो अहिंसा, नैतिकता और ईमानदारी के लिए दुनिया में पहचाने जाने वाले गांधी जी के नाम से जुड़ी हुई है। लेकिन यहां पसरे हालात इस नाम से बिल्कुल विपरीत बने हुए हैं। अनैतिकता, अवैध कब्जों के लहराते परचम को यहां की नियतखोर पुलिस हवा देती नजर आ रही है। गरीबों, पीडि़तों और असामाजिक तत्वों से चोट खाए लोगों की परेशानी का आलम ये है कि उन्हें अपनी गुहार लगाने के लिए जिला कलेक्टर तक दौड़ लगाना पड़ रही है।
राजधानी की गांधी नगर बस्ती इन दिनों अवैध कब्जा करने वालों के आतंक से भरी हुई है। यहां खाली प्लॉटों पर कब्जे करने वालों की टोलियां पुलिस से शरण पाई हुई है। जिसका असर ये है कि कमजोर तबके और गरीब परिवार के प्लाट धारक अपने खाली पड़े भूखण्ड बचाने के लिए यहां-वहां भटकते नजर आ रहे हैं। क्षेत्र में ताला लगे या सूने पड़े मकान भी इस नीयतखोरों के निशाने पर है।
पुलिस दे रही संरक्षण
सूत्रों का कहना है कि गांधी नगर क्षेत्र में सक्रिय ‘कब्जा टीमÓ का दायरा यहां से बढ़कर अब्बास नगर, आरजीपीवी कॉलेज क्षेत्र से लेकर पुराने एयरपोर्ट के आसपास के इलाकों तक फैल चुका है। सूत्रों का कहना है कि इस गुंडा टीम को स्थानीय पुलिस का पूरा संरक्षण मिला हुआ है। बताया जाता है कि गुंडा टीम और पुलिस के गठबंधन से हो रही इस गोंडोबल में उन लोगों की परेशानी बढ़ गई है जो किन्हीं कारणों से अपने खाली प्लाट पर निर्माण नहीं कर पा रहे हैं। दिक्कत उन लोगों को भी उठाना पड़ रही है, जो जरूरी काम से घर पर ताला लगाकर शहर से कहीं बाहर जाने की जरुरत रखते हैं।
इंसाफ के लिए भटक रहे लोग
गांधी नगर में बदमाशों के हौसले इतने बुलंद है कि पिछले दिनों एक बदमाश ने वृद्ध महिला मणी बाई और उसकी बेटी पर घर में घुसकर मारपीट कर दी। इतना कुछ होने पर भी न तो पुलिस ने बुजुर्ग महिला की शिकायत दर्ज की और न अपराधियों के खिलाफ कोई कार्यवाही की। बदमाशों के आतंक से पीडि़त महिला ने इस मामले में कलेक्टर के सामने गुहार लगाई है।
शरण लेकर घुसा, कर लिया कब्जा
वृद्ध महिला ने बताया कि वे गांधी नगर नई बस्ती में रहती हैं। यहां उनका एक खाली प्लाट पड़ा हुआ था। इसके सामने रहने वाले बदमाश छोटू ने उनसे सीमेंट रखने के लिए जगह मांगी थी तो उन्होंने दे दी लेकिन जब छोटू से प्लाट खाली करने का कहा तो उसने मना कर दिया। जिसके बाद उसकी गांधी नगर थाने में शिकायत की लेकिन इसके बावजूद बदमाश ने उसपर निर्माण चालू कर दिया। बुज़ुर्ग महिला ने बताया कि जब हमने रोका तो छोटू और उसके साथियों ने उनके और उनकी बेटी के साथ मारपीट कर दी। बदमाश इन महिलाओं को जान से मारने की धमकी भी दे रहा है। महिला ने बताया कि वो पिछले तीन महीने से इंसाफ के लिए दर-दर की ठोकर खा रही है लेकिन तीन महीने बाद भी वृद्ध महिला को इंसाफ नहीं मिल रहा है।
एक-दूसरे पर डाल रहे जिम्मेदारी
गांधी और आसपास के इलाकों में तेजी से बढ़ रही अवैध कब्जों की शिकायत पर पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी जिम्मेदारी एक-दूसरे पर डालते दिखाई दे रहे हैं। जहां पुलिस प्रशासन का कहना है कि जमीनों से संबंधित मामलों को देखने के लिए एसडीएम कार्यालय की जिम्मेदारी है। वहां से प्रचलन में आने वाली किसी भी कार्यवाही को संचालित करने और पुलिस बल मुहैया कराने का काम पुलिस प्रशासन का है। लेकिन एसडीएम कार्यालय से कार्यवाही न होने के चलते पुलिस कोई काम नहीं कर रही है। इसके विपरीत एसडीएम कार्यालय का कहना है कि क्षेत्र में होने वाली किसी भी गड़बड़ी, धोखाधड़ी या झगड़े को सुलझाना और उसका समुचित समाधान निकालना पुलिस का काम है। उनका कहना है कि पुलिस द्वारा अपनी जिम्मेदारी ठीक से न निभाने के चलते यह हालात बन रहे हैं।