भोपाल।
चार्ज संभालते ही मध्यप्रदेश के नए मुख्य सचिव भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वरिष्ठ अधिकारी एसआर मोहंती ने बड़ा बयान दिया है। मोहन्ती ने कहा है कि कांग्रेस का वचन पत्र के वचन पूरा करना प्राथमिकता रहेगी। वही उन्होंने साफ किया कि किसानों की कर्जमाफी भी बड़ी चुनौती रहेगी।
दरअसल, आज मीडिया से चर्चा के दौरान मुख्य सचिव एस आर मोहन्ती ने कहा कि कांग्रेस का वचन पत्र के वचन पूरा करना प्राथमिकता रहेगी ।किसानों की कर्जमाफी चुनौती है। निश्चित समय अविधि में योजना को आमलिजामा पहनना है। गवर्नेन्स भोपाल केंद्रित नही बल्कि जिले स्तर और होगा। कलेक्टर्स एसपी जिला स्तर पर समस्याएं सुलझाएंगे। सभी विभागों की छोटी छोटी समस्यायों का समय पर निराकरण होगा, इसके लिए जिला प्रशासन जवाबदेह होगा। काम को लेकर अधिकारियों की लापरवाही बर्दाश्त नही की जाएगी।
बता दे कि एस.आर. मोहंती वरिष्ठ अफसर हैं। मोहंती 1982 बैच के आईएएस अधिकारी है, जो वर्तमान में माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड के अध्यक्ष भी है। मोहंती के काम की शैली से वैसे कमलनाथ और दिग्विजय सिंह दोनों प्रभावित बताए जा रहे हैं। उनकी छवि अफसरों के बीच सख्त और काम को तेजी देने वाले अधिकारियों में गिनी जाती है। वह सरकार की हर योजना को प्रदेश में लागू करने से लेकर उसके क्रियावान तक बेहद समर्पित रहते हैं।
कई पुरुस्कारों से नवाजे जा चुके है मोहन्ती
गवर्नेंस में नवाचारों के लिए विश्व बैंक और 19 अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा स्थापित सबसे नवीन परियोजना के लिए ग्लोबल डेवलपमेंट नेटवर्क अवार्ड के विजेता रहे हैं। उन्हें ये पुरस्कार दिसंबर 2000 में मिला था। उन्होंने रोगी कल्याण समिति का खाका तैयार किया था। दुनिया भर से 160 प्रोजोक्ट में से उनका ये कांसेप्ट चुना गया था। जूरी में विश्व बैंक के अध्यक्ष, एडीबी के अध्यक्ष, दो नोबेल पुरस्कार विजेता और छह अन्य प्रमुख विशेषज्ञ शामिल थे।
इन पदों पर रह चुके है अबतक
तौर असिस्टेंट कलेक्टर सरगुजा वर्ष 1983 से प्रशासनिक सेवा की शुरूआत करने वाले एसआर मोहंती कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. मोहंती की पहचान एक सख्त और अनुशासित अधिकारी के रूप में है। अपनी सख्त कार्यप्रणाली के चलते वे विभिन्न विभागों का संचालन काफी बेहतर तरीके से करते रहे हैं। बालाघाट, सतना व इंदौर के कलेक्टर रहने के अलावा वे जनसंपर्क आयुक्त, मार्क फेड एमडी, महिला बाल विकास, चिकित्सा शिक्षा, वित्त निगम, स्वास्थ्य, योजना आयोग, स्कूल शिक्षा सहित अन्य विभागों में भी उच्च पदों पर रहे हैं।