पर्दे की जरूरत उन्हें होती है, जिनकी तरफ कोई कुदृष्टि रखता है, और हिन्दू कुदृष्टि नहीं रखते:- साध्वी प्रज्ञा ठाकुर

Manisha Kumari Pandey
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। फिलहाल पूरे देश  में हिजाब को लेकर विरोध जारी है । इस शोर-शराबे के बीच में भोपाल में एक इवेंट के दौरान साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का एक बयान सामने आया है। बता दें कि , हिजाब का यह मामला कर्नाटक के एक सरकारी  कॉलेज से शुरू हुआ था । जहां पर हिजाब पहने छात्राओं को परिसर से बाहर चले जाने को कहा गया था।  जिसके बाद इस मुद्दे ने पूरे देश भर में अपने पांव पसार लिए हैं , अब यह मुद्दा देश के अलग-अलग भागों तक फैल चुका है और इस पर राजनीतिक भी अलग-अलग स्थानों  में जारी है ।

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साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का कहना है कि ,   हिंदू इतना श्रेष्ठ , संस्कारी और उच्च विचारधारा का होता है कि,  उन्हें कहीं भी हिजाब की जरूरत नहीं पड़ती । उनके मुताबिक हिजाब उन्हें पहनना चाहिए जिनको अपने ही घर में परेशानियों का सामना करना पड़ता हो । जब लोगों के घर में ही उनके शील और मर्यादा पर संकट और खतरा हो , तब उन्हे अपने घर में  हिजाब पहनना चाहिए ,  बाहर पहनने की कोई जरूरत नहीं होती । और जहां ज्ञान प्राप्त होता है,  मतलब स्कूल और कॉलेज में हिजाब पहनने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं होती ।

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दरअसल साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का कहना है कि पर्दे की जरूरत उन्हें होती है, जिनकी तरफ कोई कुदृष्टि रखता है और उनके मुताबिक हिंदू कुदृष्टि नहीं रखते । सनातन धर्म में नारी की पूजा की जाती है और दुष्टों को मानने के लिए देवी का आवाहण  देवताओं द्वारा किया जाता है । सनातन धर्म में मां और पत्नी का स्थान बहुत ऊंचा होता है , उनका कहना है कि जहां नारी का इतना श्रेष्ठ स्थान है , वहां पर हिजाब पहने की जरूरत क्या है ? इसलिए भारत में हिजाब की जरूरत ही दिखाई नहीं पड़ती।

बता दें कि , इस्लाम के अनुसार हिजाब उनके धर्म का एक हिस्सा है। तो वही हिंदुओं और अन्य धर्मों का मानना है कि स्कूल और कॉलेजों में हिसाब की कोई जरूरत नहीं होती, क्योंकि वहां पर सब एक समान होते हैं।


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