EWS वर्ग के 1039 पदों की नियुक्ति की फिर उठी मांग, अभ्यर्थियों ने सरकार से लगाई गुहार
दरअसल चयन प्रक्रिया मे कुल पद 17000 पदों मे से इस प्रवर्ग के लिए 1393 को नियुक्ति हेतु चयन किया गया, जिसमे से प्रथम काऊंसलिंग की प्रक्रिया अपनाई जाकर 358 का नियुक्ति आदेश जारी किया गया, शेष 1039 का नियुक्ति आदेश अब तक जारी नही किया गया है
Bhopal- EWS Category After Higher Secondary Teacher Selection : एक बार फिर उच्च माध्यमिक शिक्षक चयन उपरांत EWS प्रवर्ग के युवाओं ने सरकार से गुहार लगाई है, उन्होंने आवेदकों के भविष्य हवाला देकर इस मामलें में जल्द से जल्द नियुक्ति आदेश जारी करने की मांग की है। दरअसल चयन प्रक्रिया मे कुल पद 17000 पदों मे से इस प्रवर्ग के लिए 1393 को नियुक्ति हेतु चयन किया गया, जिसमे से प्रथम काऊंसलिंग की प्रक्रिया अपनाई जाकर 358 का नियुक्ति आदेश जारी किया गया, शेष 1039 का नियुक्ति आदेश अब तक जारी नही किया गया है इसी को लेकर आवेदक खासे परेशान है। मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने विकास यात्रा पूरे प्रदेश में शुरू की है, अभ्यर्थियों ने अब प्रदेश के अलग -अलग जिलों में हो रही विकास यात्राओ में मंत्रियों से जल्द से जल्द उनकी नियुक्ति की जाने की गुहार लगाई है।
यह है मामला
दरअसल आवेदकों का आरोप है कि उच्च मा. शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ष 2018 के प्रथम चरण कॉउंसलिंग के बाद EWS वर्ग के 1039 पद रिक्त हैं। इन 15000 पदों की स्वीकृति वर्ष 2018 में ही वित्त विभाग से ली जा चुकी है उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ष 2018 में 15000 पदों में 8470 पदों की भर्ती के बाद शेष रह गए हैं व द्वितीय काउंसलिंग के लिए भर्ती नियमानुसार अभी तक रिक्त हैं। जनजातीय कार्य विभाग ने द्वितीय काउंसलिंग में प्रथम चरण में शेष रह गए पदों पर ही पदपूर्ति की विज्ञप्ति जारी की है लेकिन लोक शिक्षण संचनालय द्वारा ऐसा ना कर दोहरे मापदंड को अपनाया जा है जो कि न्यायोचित नहीं है।.यह कि उक्त क्र.1 में किए गए संशोधन इन्हीं रिक्तियों को दृष्टिगत रखते हुए किए गए थे। विभिन्न जनप्रतिनिधियों ने भी इन्हीं रिक्तियों पर पदपूर्ति हों इसी उद्देश्य को दृष्टिगत रखते हुए अनेकों पत्राचार किए हैं लेकिन लोक शिक्षण संचनालाय भोपाल में इन पदों को लेकर विभागीय अधिकारियों से इन पदों के रिक्त होने की पुष्टि की लेकिन साथ यह कहा गया सीधे मुख्यमंत्री से मिले। आवेदकों का कहना है कि संशोधन के बाद पद व उम्मीदवार दोनों की उपलब्धता है अभ्यर्थियों को ओवर एज होने की चिंता है वह भर्ती नियमानुसार ना होने से इस वर्ग में आक्रोश व्याप्त है।