सख्ती के बावजूद नहीं रुक रहे मासूमों को गर्म सलाखों से दागने के मामलें, आखिर क्या कर रहे है जिम्मेदार, आयोग ने मांगा जवाब

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Minor pickpockets were tied with a rope and paraded till the police station, mob beat them up, notice issued to SP Chhatarpur

Jhabua -Children Burnt With Hot Rods : झाबुआ जिले के जिला अस्पताल में तीन बच्चे अजय उम्र सात माह, मेशरा उम्र दो माह तथा कृष्णा उम्र छह माह पीआईसीयू वार्ड में भर्ती हैं। इन सभी के सीने और पेट पर गर्म सलाखों से दागने के निशान हैं। स्थानीय आदिवासी बोली में इसे डामना कहा जाता है। बच्चों को सर्दी, जुकाम हुआ तो घर पर इलाज किया, जब सर्दी बिगड़ गई और निमोनिया हो गया तो इलाज के लिए अस्पताल ले जाने की बजाय तांत्रिक के पास ले गए। तांत्रिक ने भी गर्म लोहे के सरियों से दाग दिया और लौटा दिया। जब बच्चे मौत के करीब पहुंच गए, तो परिवार वाले जिला अस्पताल झाबुआ लेकर आए। यहां इनका उपचार किया जा रहा है। इससे पहले भी शहडोल में गरम सलाखों से बच्चों को दागने का मामला सामने आया था और इसमें कुछ नवजात बच्चों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था, इस घटना के बाद हड़कंप मच गया था।

आयोग ने जारी किया नोटिस 

मप्र मानव अधिकार आयोग ने मामले में संज्ञान लेकर कलेक्टर एवं एसपी, झाबुआ से घटना की जांच कराकर की गई कार्रवाई के संबंध में प्रतिवेदन मांगा है। साथ ही यह भी पूछा है कि सीएमएचओ द्वारा क्या इलाज किया है, अब पीडित बच्चों की तबीयत कैसी है।  आयोग ने महिला एवं बाल विकास विभाग, झाबुआ से भी इस संबंध में भी प्रतिवेदन मांगा है।

 


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Sushma Bhardwaj

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