भोपाल।
पुणे भीमा कोरेगांव हिंसा में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय के नक्सलियों से कनेक्शन के आरोप से सियासत गर्मा गई है। इसका असर अब मध्यप्रदेश में भी दिखाई देने लगा है।चुनाव से पहले बीजेपी इस मुद्दे को भुनाने में लग गई है।वही दिग्विजय ने इन आरोपों को झूठा और निराधार बताया है। दिग्विजय ने कहा है कि मैं मोदी-राजनाथ को खुली चुनौती देता हूं, मेरे खिलाफ कार्रवाई करके दिखाएं। इसके पहले भी मुख्यमंत्री शिवराज ने मुझ पर देशद्रोही के आरोप लगाए थे, लेकिन क्या हुआ। कोई सबूत ही नही मिला, मैने तो कहा था अगर देशद्रोही हूं तो मुझे गिरफ्तार कर लो।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि दिग्विजय सिंह देश द्रोही हैं। एमपी पुलिस ने कहा कि कोई सबूत नहीं शिवराज सिहं चौहान संवैधानिक पद पर रहते हुए पूर्व मुख्यमंत्री पर झूठा आरोप क्यों लगाया। बीजेपी किसी ना किसी प्रकरण में मेरे खिलाफ आऱोप बनाती है, जिस फोन नंबर का वो ज़िक्र कर रहे हैं वो राज्यसभा को पोर्टल पर सार्वजनिक है, जिसका मैने बीते चार साल से उपयोग बंद कर दिया है। ऐसे में किसी के पास भी ये नंबर हो सकता है। इतना ही नहीं दिग्विजय सिंह ने भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि ये मुझसे डरते हैं। अगर सरकार में हिम्मत है तो मुझे गिरफ्तार करके बताए।
दरअसल भीमा कोरेगांव मामले में पेशे से वकील सुरेंद्र गाडलिंग के घर से पुलिस को 25 सितंबर, 2017 की एक चिठ्ठी मिली है। जिसे टॉप सीपीआई(माओवादी) कमांडर प्रकाश ने लिखा है। इस चिठ्ठी में लिखा है कि कांग्रेस के नेता देशभर में विरोध प्रदर्शन के लिए सीपीआई की मदद करने को तैयार हो गए हैं। इसी चिठ्ठी में जिस मोबाइल नंबर का जिक्र किया गया है, वो दिग्विजय सिंह का बताया जा रहा है।