दिग्गी का वार-शहीद भी अगर संघ को पसंद नहीं तो वो ‘शैतान’, मर्जी के खिलाफ बोले तो देशद्रोही

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भोपाल।

भले ही पूरे देश में लोकसभा चुनाव हो रहे हो लेकिन इन दिनों भोपाल सबसे ज्यादा चर्चा मे बना हुआ है। इसका कारण बीजेपी से प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा और कांग्रेस से पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह है।दोनों ही अपने बयानों से जमकर सुर्खियां बटोर रहे है। अब भोपाल प्रत्याशी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय ने संघ को लेकर जमकर हमला बोला है। वही उन्होंने साध्वी प्रज्ञा के शहीद हेमंत करकरे को लेकर दिए गए बयान पर भी पलटवार किया है।सिंह ने कहा है कि भारत के शहीद भी अगर संघ को पसंद नहीं तो वो “शैतान” हैं। इस बयान के बाद एक बार फिर सियासी गलियारों में हलचल पैदा हो गई है।

दरअसल, हाल ही में प्रज्ञा ठाकुर ने शहीद हेमंत करकरे को लेकर टिप्पणी की थी, जिसके बाद राजनीति में भूचाल मच गया था। साध्वी के बयान को लेकर कांग्रेस समेत मराठी समाज ने भी आपत्ति जताई थी।वही विवाद बढ़ने के बाद बीजेपी ने भी किनारा कर लिया था। बात चुनाव आयोग पहुंची और नोटिस जारी कर दिया गया। जिसका साध्वी ने जवाब भी दे दिया, अब आगे की कार्रवाई होना है।इसी बीच अब तक बयानों से बचने वाले दिग्विजय ने ट्वीटर के माध्यम से प्रज्ञा ठाकुर के बयानों का जवाब दिया है।  दिग्विजय साध्वी के साथ साथ पूरे संघ पर भी एक के बाद एक ट्वीट कर हमला बोला है।

दिग्विजय ने ट्वीट कर लिखा है कि शहीद हेमंत करकरे के विरुद्ध संघ के लोगों के बयान से साफ़ है कि उनके लिए भारत “माता”नहीं, संघ ही सब कुछ है! जो संघ की मर्ज़ी के ख़िलाफ़ बोले वो देशद्रोही है। भारत के शहीद भी अगर संघ को पसंद नहीं तो वो “शैतान” हैं। हमने संघ की नहीं, संविधान की शपथ ली है। हम भारत माता के भक्त हैं। दिग्विजय ने अगले ट्वीट में लिखा है कि भारत आज एक मज़बूत राष्ट्र है। जिसमें संघ की नहीं, कांग्रेस के लोगों के कुर्बानियाँ शामिल हैं। महात्मा गांधी, इंदिरा जी, राजीव जी के बलिदान हैं; छत्तीसगढ़, कश्मीर, पंजाब, असम, मणिपुर, त्रिपुरा..देश की मिट्टी में कांग्रेस का ख़ून मिला हुआ है। उस ख़ून की ख़ुश्बू संघ को नहीं आती।

दिग्विजय ने आगे लिखा है कि बीजेपी के लोग भले मानते हों कि जब जागे तभी सवेरा, लेकिन भारत का सूर्य आपसे बहुत पहले उदय हो चुका था।आज़ादी के बाद मज़बूत भारत बनाने में देशवासियों की मेहनत, सैनिकों/ पुलिसकर्मियों के बलिदान, संविधान की ताक़त, कांग्रेस की नीतियां शामिल हैं।राष्ट्र निर्माण यज्ञ है, निजी चमत्कार नहीं। नेहरु जी ने नए राष्ट्र के रूप में भारत की नींव रखी। उसमें संघ के श्यामा प्रसाद मुखर्जी को भी सम्मानपूर्वक शामिल किया, सबको साथ लिया। आप जो राष्ट्र बना रहे हैं, उसमें शहीदों तक का सम्मान नहीं।  महात्मा गांधी, इंदिरा जी, राजीव जी से हेमंत करकरे तक सब आपके लिए बस राजनीति है? क्यों?

शहीद हेमंत करकरे को लेकर की थी ये टिप्पणी

बीते दिनों साध्वी ने शहीद हेमंत को लेकर विवादित बयान दिया था। साध्वी ने कहा था कि  26/11 के मुंबई हमले में शहीद हुए एटीएस चीफ हेमंत करकरे को उनके कर्मों की सजा मिली है, उनके कर्म ठीक नहीं थे, इसलिए उन्हें संन्यासियों का श्राप लगा था। जिस दिन मैं जेल गई थी उसके 45 दिन के अंदर ही आतंकियों ने उसका अंत कर दिया। इसके बाद सियासी बवाल मच गया था। कांग्रेस ने साध्वी के बयान पर आपत्ति जताते हुए इसे शहीद का अपमान बताया था, वही मराठी समाज ,आईपीएस एसोशिएसन ने भी नाराज हो गया था। वही बीजेपी ने भी बयान से पल्ला झाड़ लिया था।इधर चुनाव आयोग ने भी मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच शुरु कर दी है। हालांकि बढ़ते विवाद के बाद साध्वी ने यू टर्न ले लिया है। साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि यदि उनके बयान से किसी को ठेस पहुंची है तो वो उसे वापस लेती हूं।  माफी मांगती हूं, यह मेरी निजी पीड़ा थी।


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