दिग्विजय ने एमपी के सांसदों को लिखा पत्र, मोदी से जल्द करेंगें मुलाकात
भोपाल।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने प्रदेश के सभी 39 सांसदों को पत्र लिखी है। इन सांसदों में लोकसभा के 29 और राज्यसभा के 10 सांसद शामिल हैं। इस पत्र के माध्यम से दिग्विजय ने सांसदों से जनहित में साथ आने की मांग की है। वही केन्द्र सरकार द्वारा प्राकृतिक आपदा सहित विकास मूलक योजनाओं में किये जा रहे भेदभाव का उल्लेख किया है।वही उन्होंने कहा है कि मध्य प्रदेश के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार को लेकर वे जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे।
दिग्विजय का कहना है कि इस साल बाढ़ और अतिवृष्टि ने सारे रिकार्ड तोड़ दिये हैं। विगत एक सदी की इस भयानक त्रासदी ने लाखों परिवारों को प्रभावित किया है। अनुसूचित जाति, जनजाति सहित कमजोर वर्ग के लोग बाढ़ आपदा से प्रभावित हुये। लाखों किसानों की फसले चैपट हो गई। मध्यप्रदेश सरकार ने अपने बजट से फौरी तौर पर राहत पहुंचाने का सराहनीय काम किया है लेकिन केन्द्रीय अध्ययन दल के दौरे के बाद भी केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय राहत कोष से 6 हजार 621 करोड़ रूपयें और सड़कों सहित अधोसंरचना पुनर्निर्माण के लिये 2 हजार 258 करोड़ रूपयें अभी तक राज्य सरकार को नहीं दिये है।
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सिंह ने कहा है कि प्रदेश की जनता के विश्वास और विवेक को राजनैतिक चश्में से देखने का काम नहीं किया जाना चाहिये। राज्य सरकार के लिये जनता ने कांग्रेस पार्टी को जनादेश दिया, वहीं केन्द्र सरकार बनाने के लिये प्रदेश से भाजपा के 28 सांसद लोकसभा भेजे। उन्होंने कहा कि वे केन्द्र सरकार द्वारा किये जा रहे भेदभाव को उजागर करने के लिये और प्रदेश के गरीब और वंचित वर्ग के राहत, पुर्नवास के लिए राशि दिये जाने की मांग करेंगे। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने सभी सांसदों से दलगत राजनीति से ऊपर उठकर दिल्ली में साथ चलकर प्रदेश हित में केन्द्र सरकार से मांग करने तथा मांग पूरी नहीं होने पर विरोध प्रदर्शन करने की अपील की है। सिंह ने कहा कि सांसदों द्वारा प्रदेश के हित की बात न करना जनता के साथ विश्वासघात होगा।
उन्होंने प्रदेश के 1 करोड़ से अधिक किसानों के लिये यूरिया सहित पेयजल योजनाओं की राशि नहीं दिये जाने का उल्लेख किया है। केन्द्र सरकार द्वारा 14वें वित्त आयोग की राशि में भी केन्द्रीय अंश का हिस्सा 90 प्रतिशत से घटाकर 75 प्रतिशत करने को प्रदेश की जनता के हितो के विरूद्ध बताया है। इसी प्रकार केन्द्र सरकार द्वारा गेहूँ के समर्थन मूल्य में खरीदी के डेढ़ हजार करोड़ रूपयें नहीं दिये गये है। प्रदेश के सांसदों को भेजे पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस वर्ष 2018-19 में केन्द्रीय करों में 6547 करोड़ रूपयें कम करने को जनता के हितों के साथ कुठाराघात और दमनकारी बताया है।उन्होंने कहा है कि प्रदेश की साढे़ सात करोड़ जनता जनार्दन के हितों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है।