भोपाल।
आज मंगलवार को विधानसभा सत्र के दूसरे दिन कांग्रेस का शक्ति परीक्षण होना है। बीजेपी द्वारा अध्यक्ष पद का उम्मीदवार उतारे जाने के बाद आज वोटिंग की जाएगी। कांग्रेस ने जहां एनपी प्रजापति को मैदान में उतारा है वही भाजपा ने पूर्व मंत्री विजय शाह को उम्मीदवार बनाया है। इसके पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बड़ा बयान देकर राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। दिग्विजय का आरोप है कि बीजेपी हमारे विधायकों को सौ-सौ करोड़ का ऑफर दे रही है। स्पीकर चुनाव से पहले सिंह के इस बयान से राजनीति में भूचाल आ गया है। वही बीजेपी हमलावर हो चली है।
दरअसल, विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला, लेकिन सहयोगियों के समर्थन से कांग्रेस सरकार बनाने में सफल हुई है। वहीं निर्दलीय और अन्य पार्टी के विधायकों को साधते हुए आज सरकार को अग्निपरीक्षा से गुजरना है। संख्या बल न होने के बाद भी भाजपा ने अपना उम्मीदवार उतारा है, जिसके चलते सस्पेंस बना हुआ है। आज वोटिंग होना और इसके बाद फैसला हो जाएगा कि 15 वीं विधानसभा का अध्यक्ष कौन होगा।लेकिन इसके पहले मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा के कई नेताओं ने हमारे विधायकों को 100-100 करोड़ का ऑफर दिया है।मेरे पास इस बात के पुख्ता सबूत रिकाॅर्डिंग में हैं। जरूरत पड़ने पर इसे सार्वजनिक करूंगा।यह बात दिग्विजय ने एक अखबार से चर्चा के दौरान कही।
इसके पहले दिग्विजय ने बीजेपी पर खरीद फरोख्त के आरोप लगाए थे।उन्होंने कहा था कि बीजेपी के तीन पूर्व मंत्री, कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त करने की कोशिश कर रहे हैं। बीजेपी के तीन पूर्व मंत्रियों ने कांग्रेस विधायकों को 10 करोड़ तक की पेशकश की। बीजेपी कांग्रेस की सरकार गिराना चाहती हैं। इसलिए कांग्रेस नेता पूरी तरह सतर्क हैं और उनपर नजर रखे हुए हैं।
बता दे कि आखिरी बार अध्यक्ष पद के लिए मतदान 24 मार्च 1967 को हुआ था, जिसमें काशी प्रसाद पांडे जीते थे। सबसे पहले 27 मार्च 1962 को यह नौबत आई थी। तब कुंजीलाल दुबे के सामने रामेश्वर अग्निभोज चुनाव मैदान में थे। दुबे को 187 और अग्निभोज को 91 वोट मिले थे।। उसके बाद अब प्रदेश में 52 साल बाद फिर से अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए वोटिंग करवाई जा रही है ।हालांकि कांग्रेस एकजुटता की बात कर रही है। 230 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के कुल 114 सदस्य हैं। एसपी-बीएसपी और निर्दलीय मिलाकर 7 सदस्य कांग्रेस को समर्थन दे रहे हैं। जबकि बीजेपी के 109 सदस्य हैं। बहुमत का अंतर कम होने की वजह से कमलनाथ सरकार को लेकर अटकलें चल रही हैं।