Tue, Dec 30, 2025

भोपाल: रविंद्र भवन में सजी सुरमयी शाम, दिव्यांग बच्चों ने दिखाई अपनी प्रतिभा

Written by:Sanjucta Pandit
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निनाद संगीतालय के विद्यार्थियों द्वारा कृष्ण भक्ति पर आधारित नृत्य को भी काफी अधिक सराहना मिली। आयाम संस्था के मूक-बधिर बच्चों ने मंच पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
भोपाल: रविंद्र भवन में सजी सुरमयी शाम, दिव्यांग बच्चों ने दिखाई अपनी प्रतिभा

Bhopal News : राजधानी भोपाल में स्थित रविंद्र भवन में निनाद संगीतालय द्वारा भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ गौरी साहू की खूबसूरत प्रस्तुति “आओ तुम्हें चांद पर ले जाएं” से हुआ। इस दौरान संगीत और नृत्य प्रस्तुति ने वहां मौजूद लोगों का मन मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं, म्यूजिशियन ने यहां अपने सुरों का जादू बिखेरा और सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया।बता दें कि इस कार्यक्रम की खास बात यह थी कि इसमें दिव्यांग और निर्धन बच्चे अपनी कला का प्रदर्शन कर पाए।

कार्यक्रम के माध्यम से प्रतिभाशाली बच्चों को मंच मिला, जिससे उनके चेहरे पर अगल ही उत्साह देखने को मिला। वहीं, दर्शक भी संगीत और नृत्य की रंगीन दुनिया में खो गए।

दर्शक हुए मंत्रमुग्ध

बता दें कि कार्यक्रम में कर्चना कर्वे ने “आ लौट के आ जा मेरी मीत”, रियांशी ने “फूलों का तारों का सबका कहना है”, अर्शिया भागवत ने “अभी दास्तां है ये”, पुष्पा श्रीवास्तव ने “ये दिल और उनकी निगाहों के साये”, सरिता द्विवेदी ने “तुम अगर साथ देने का”, शैरोन ने “बाबूजी धीरे चलना” और अद्विका भागवत ने “नैनों में बदर छाए” गाने गाएं। उनकी मनमोहक प्रस्तुतियों से पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा। वहीं, कीबोर्ड पर आरुष सिंह और तबले पर विकास खरे ने अपनी संगत से पूरे कार्यक्रम पर चार-चांद लगा दिया।

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मूक-बधिर बच्चों ने दिखाई प्रतिभा

इसके अलावा, डांस टीचर नैगी ने भी कथक परफॉर्मेंस दी। वहीं, निनाद संगीतालय के विद्यार्थियों द्वारा कृष्ण भक्ति पर आधारित नृत्य को भी काफी अधिक सराहना मिली। आयाम संस्था के मूक-बधिर बच्चों ने मंच पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। श्रुति श्रीवास्तव के एकल नृत्य तो वहीं सोनम, सपना, पिंकी, आरती, रितिका, लक्ष्मी, पायल, किरण, विनिता और डॉली ने समूहिक नृत्य पेश किया।

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अन्य प्रस्तुति

कार्यक्रम की अन्य प्रस्तुतियों में मंशा सहगल का “आपकी नजरों ने समझा”, रिया कुलश्रेष्ठ का “सतरंगा है ये इश्क”, सोमेश खरे का “ये वादियां”, स्वर्णिमा कुशवाह का “बरसो रे मेघा” और रजनी देशमुख के “इश्क सूफियाना” और “नमक इश्क का” शामिल थीं।

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