भोपाल। चुनाव आयोग ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए दागी, नेताओं के रिश्तेदार एवं मंत्रियों के स्टाफ में पदस्थ अफसरों के प्रदेश के बाहर ड्यूटी लगाई है। आयोग ने पहली बार इस तरह की पदस्थापना की है। प्रदेश में फील्ड पोस्टिंग वाले अधिकारी एसपी,डीआईजी,आईजी, कलेक्टर और संभागायुक्त,नेताओ के रिश्तेदार,दागी अधिकारियों और मंत्रियों के निजी स्टाफ में पदस्थ अधिकारियों को मध्यप्रदेश के बाहर चुनाव ड्यूटी में नियुक्त किया।
सबसे अचरज की बात है कि चुनाव कार्यो में लापरवाही के लिए हटाये गए अधिकारियों को भी संवेदनशील चुनाव कार्यो में लगाया गया है। मप्र सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग (कार्मिक) ने ही अधिकारियों की सूची चुनाव आयोग को भेजी जिसमे मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा के कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा को भी मध्यप्रदेश से बाहर भेजेंगे जो कि किसी गेम प्लान का हिस्सा हो सकता है। भिंड के सांसद की पुत्री आईपीएस सिमला प्रसाद जिसे हमारी शिकायत पर चुनाव आयोग ने मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 में लापरवाही के कारण राजगढ़ एसपी पद से हटाया वह भी चुनाव ड्यूटी में शामिल होगी । रीवा ,शहडोल,उज्जैन के कमिश्नर,शहडोल ,बुरहानपुर के कलेक्टर ,ग्वालियर के आइजी ,रतलाम के डीआईजी, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के ओएसडी, मंत्री गोविंद सिंह के ओएसडी ,मंत्री सुखदेव पांसे के ओएसडी,मंदसौर गोलीकांड के आरोपी पूर्व कलेक्टर स्वतंत्र सिंह और कई दागियों को भारत के अन्य राज्यो में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाने की जिम्मेदारी दी है, जो समझ से परे है।
मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के 2 अधिकारियों को भी मप्र छोड़ अन्य राज्यो में भेजेंगे। सूचना का अधिकारी आंदोलन के संयोजक अजय दुबे ने आयोग से मांग की है कि जांच कर त्रुटिपूर्ण सूची को बदले और दोषियों पर कार्यवाही करें।