भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। उपचुनाव (By-election) से पहले एक बार फिर प्रदेश की शिवराज सरकार (Shivraj government) ने किसानों को लेकर बड़ा फैसला किया है। कृषि मंत्री कमल पटेल (Agriculture Minister Kamal Patel) ने सोयाबीन समेत अन्य खरीफ फसलों के उपार्जन प्रस्ताव (Earning proposal) को हरी झंडी दे दी है। साथ ही खरीफ फसलों के पंजीयन लिए ई उपार्जन पोर्टल सेवा (E-procurement portal service) भी शुरु कर दी गई है। कृषि मंत्री कमल पटेल का अनुमोदन मिलने के बाद फसलों के पंजीयन के लिए ई उपार्जन पोर्टल सक्रिय हो गया है।
कृषि मंत्री पटेल ने बताया कि प्रदेश में सोयाबीन सहित अन्य खरीफ फसलों के उपार्जन के लिए पंजीयन की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। अतिवृष्टि और बाढ़ के बावजूद इस खरीफ सीजन में 2000 करोड़ से अधिक के कृषि उत्पादन का अनुमान है। कृषि मंत्री कमल पटेल का अनुमोदन मिलते ही पंजीयन के लिए ई पोर्टल आरंभ हो गया है।भारत सरकार की प्राईस सपोर्ट स्कीम तथा भावान्तर योजना के तहत खरीफ फसलों के उपार्जन की तैयारी पूरी कर ली गई है।खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा धान, ज्वार, बाजरा के ई उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन की कार्रवाई के समान अन्य खरीफ फसलों के पंजीयन का प्रस्ताव किया था। प्रस्ताव के अनुसार किसान पंजीयन के लिए विगत वर्ष के सभी पंजीयन केंद्र रखे जा सकते हैं जिससे किसानों को परेशान न होना पड़े। प्रदेश में सोयाबीन, अरहर, उड़द, मूंग, तिल, रामतिल, मक्का, कपास की खरीद की जाना है।
बता दे कि प्राईस सपोर्ट स्कीम अंतर्गत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लक्ष्य अनुसार उपार्जन हेतु तुअर के लिए 376 करोड़, उड़द के लिए 760 करोड़, मूंग के लिए 24 करोड़ कुल 1160 करोड़ की प्रावधानित लागत होगी जिसकी 15 प्रतिशत राशि 174 करोड़ रुपए कार्यशील पूंजी के लिए प्रस्ताव भेजा था जिसे कृषि मंत्री कमल पटेल स्वीकृति दे दी है। प्रदेश में इसके साथ ही खरीफ फसलों के उपार्जन की प्रक्रिया आरंभ हो गई है।