भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। जलवायु परिवर्तन से धरती का संकट और बढ़ गया है। जिसको देखते हुए पर्यावरण बचाने की दिशा में 27 मार्च यानि शनिवार को रात 8.30 से 9.30 बजे तक अर्थ ऑवर डे (Earth Hour Day) मनाने का फैसला लिया गया। लेकिन मध्यप्रदेश सरकार (MP Government) इसे भूल गई और विधानसभा (MP Assembly) पूरी तरह से लाइटों से जगमगाता रहा। सरकार के नमाइंदों को याद ही नहीं रहा कि मार्च माह के आखिरी शनिवार को साल भर में एक बार अर्थ ऑवर डे मनाया जाता है।
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दरअसल, होली (Holi) की तैयारियों और कोरोना के बीच भोपाल की जनता अर्थ ऑवर भूल गई। राजधानी के हर चौक-चौरहों पर रोशनी दिखाई दी। अर्थ ऑवर फैल होने की एक वजह यह भी रही कि अर्थ ऑवर जैसे विषयों पर जागरूक करने की जिम्मेदारी बिजली महकमे को दी जानी चाहिए। लेकिन राजधानी में बिजली महकमे को इस अभियान की जानकारी तक नहीं थी।
सन् 2007 में हुई थी शुरूआत
अर्थ ऑवर डे की शुरूआत वन एवं पर्यावरण संगठन (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) ने सन् 2007 में की थी। इसका उद्देश्य पर्यावरण की सुरक्षा और ऊर्जा की बचत करना और मनुष्य के भविष्य को बेहतर बनाना था।