सरकार के खिलाफ बिजली विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों ने खोला मोर्चा, दी यह चेतावनी

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भोपाल| प्रदेश में बिजली सप्लाई में लापरवाही एवं अनियमितता करने वाले कर्मचारी अधिकारियों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है| अब तक 500 से ज्यादा अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इस कार्रवाई से जहां बिजली विभाग में हड़कंप मचा हुआ है, वहीं सियासत भी तेज हो गई है| कांग्रेस इसे साजिश करार देते हुए भाजपा समर्थक अधिकारी कर्मचारियों पर ठीकरा फोड़ रही है, वहीं भाजपा ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाये हैं| अब बिजली विभाग के अधिकारी कर्मचारी ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते आंदोलन की चेतावनी दे डाली है| 

बिजली विभाग के कर्मचारियों अधिकारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि बर्खास्तगी और निलंबन की कार्रवाई तत्काल बंद करे और अभी तक की गई कार्रवाई को  रद्द करे वरना 1 मई को असहयोग आंदोलन किया जाएगा| साथ ही बिजली अधिकारी कर्मचारियों को सुरक्षा प्रदान की जाने की मांग की गई है| मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर इम्प्लॉइज का कहना है कि  संसाधनों की भीषण कमी से जूझ रहे विद्युत कंपनियों में कार्यरत सभी अधिकारी कर्मचारी लगातार विद्युत् व्यवस्था बनाए रखने के लिए तत्परता पूर्वक कार्य करते हैं लेकिन पिछले माहों में उपभोक्ताओं की शिकायतों के कारण ऐसा माना जा रहा है कि विद्युत रखरखाव एवं नए कार्यों के लिए प्लांड शत डाउन की कटौती मैदानी अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा जानबूझकर की जा रही है| इस प्रकार की शिकायतों के आधार पर शासन एवं प्रबंधन द्वारा अधिकारियों कर्मचारियों के विरुद्ध निलंबन जैसी कठोर कार्यवाही की बिना जांच के की गई|  जिससे ना केवल विभाग बल्कि शासन की भी छवि धूमिल हो रही है|  फोरम का कहना है कि मई-जून माह में मौसम बदलने, आंधी से लाइनों में ट्रिपिंग होना स्वाभाविक है| 

फोरम ने यह भी स्पष्ट किया है कि विगत वर्ष 2018 की अपेक्षा 2019 में 1 मार्च से 22 अप्रैल के बीच लगभग 12% ज्यादा विद्युत आपूर्ति की गई जिससे स्पष्ट है कि विद्युत की कोई कटौती ना कर निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है इसके बावजूद झूठी शिकायतों के आधार पर कार्रवाई होने से अधिकारी कर्मचारियों के मनोबल पर विपरीत प्रभाव पड़ा है| यूनाइटेड फोरम ने मांग की है कि सभी अधिकारियों कर्मचारियों को सुरक्षा प्रदान की जाए जिससे विद्युत व्यवस्था सुचारु रुप से चलती रहे | इस तरह की दंडात्मक कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाने एवं अभी तक की गई कार्यवाही को रद्द करने के लिए निर्देश दिए जाएं|

यूनाइटेड फोरम ने कहा है कि बिना जांच के कार्रवाई जारी रहने की स्थिति में 1 मई 2019 को मजदूर दिवस के अवसर पर शासन की अन्यायपूर्ण नीतियों के विरुद्ध सभी अधिकारी कर्मचारी 1 दिन का असहयोग आंदोलन करने को बाध्य होंगे| 


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