बिजली विभाग ने बताई सीएम को ‘कटौती’ की हकीकत

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भोपाल| मध्य प्रदेश में सरप्लस बिजली होने के बावजूद कटौती को लेकर सरकार के सख्त रवैये और विधुयत विभाग के कर्मचारी अधिकारियों पर अनैतिक दवाब के खिलाफ मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्पलाई एंड इंजिनियर्स ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखा है| यूनाइटेड फोरम के प्रदेश संयोजक ने पत्र के माध्यम से सीएम को बिजली जाने की असल वजह बताने की कोशिश की है, साथ ही अनेकों कारणों का खुलासा किया है, जिसके चलते बिजली सप्लाई करने में आ रही समस्याओं से कर्मचारियों को जूझना पड़ रहा है| इनमे सबसे बड़ा कारण प्रदेश में नियमित मैदानी विद्युत अधिकारियों एवं कर्मचारियों की भारी कमी है, जिस और पहले कभी भी ध्यान नहीं दिया गया| 

यूनाइटेड फोरम के प्रदेश संयोजक व्ही के एस परिहार ने पत्र में बताया कि  यह सच है कि मध्य प्रदेश विद्युत सरप्लस प्रदेश है एवं विद्युत की कटौती की ना तो कोई शासन की योजना है एवं न ही विद्युत कंपनियों द्वारा कहीं पर भी विद्युत कटौती की जा रही है लेकिन सामान्य ट्रिपिंग तकनीकी ब्रेकडाउन फाल्ट एवं पूर्व निर्धारित शट डाउन होने पर विद्युत सप्लाई बंद होने को कटौती कहकर प्रचारित किया जा रहा है जो दुर्भाग्यपूर्ण है| उन्होंने बताया कि पिछले साल नवंबर 2018 से विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव के कारण सभी प्रकार के रखरखाव एवं निर्माण कार्य जिसमें की कार्य करने के लिए सुरक्षा के लिहाज से बिजली सप्लाई बंद करना जरूरी होता है की अनुमति नहीं दी गई थी| विद्युत व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने के लिए नियम अनुसार साल में दो बार अप्रैल से जून और अक्टूबर नवंबर में रखरखाव कार्य किए जाते थे जिससे वर्षा ऋतु में विद्युत व्यवस्था सुचारू रहे एवं सिंचाई के समय में किसानों को बिजली मिल सके|  लेकिन इस नियोजित रखरखाव को समय से नहीं कर पाने की वजह से ट्रिपिंग में कतिपय वृद्धि से इंकार नहीं किया जा सकता है लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विद्युत व्यवस्था को लेकर भ्रामक प्रचार कर शासन एवं विद्युत कंपनियों की खराब करने की प्रयास किए जा रहे हैं | 


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