ऊर्जा मंत्री की सख्ती, उपभोक्ताओं के फोन रिसीव नहीं करने वाले अधिकारियों, क्षेत्र का दौरा नहीं करने वाले इंजीनियर्स पर होगी कार्रवाई

अधिकारियों ने जानकारी दी कि पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने 10 किलोवाट या उससे अधिक स्वीकृत भार वाले उपभोक्ताओं (हाई वैल्यू कंज्यूमर) की समस्याओं के शीघ्र समाधान के लिये 1912 - क्विक डेस्क हेल्पलाइन की स्थापना की है।

मानसून का मौसम शुरू होने वाला है लेकिन इससे पहले हो रही बारिश और चल रही तेज हवाएं बिजली विभाग को नुकसान पहुंचा रही है, तेज आंधी से बिजली जाने, पोल उखड़ जाने, ट्रिपिंग होने जैसे समस्या बिजली कंपनी के पास पहुंच रही है, इससे निपटने के लिए ऊर्जा मंत्री ने कड़े निर्देश दिए हैं

मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने शनिवार को विद्युत वितरण कम्पनियों के एमडी और अन्य अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बिजली ट्रिपिंग की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि विद्युत वितरण कम्पनी के एसई, ईई, एई और डीई लगातार क्षेत्र का भ्रमण कर विद्युत वितरण सिस्टम की समीक्षा करें।

आंधी बारिश में बिजली जाने पर तुरंत आपूर्ति बहाल करें 

ऊर्जा मंत्री नाराजी भरे अंदाज में कहा कि शिकायतें मिल रही हैं कि इंजीनियर्स क्षेत्र में नहीं जाते, उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से कहा क्षेत्र का दौरा नहीं करने वाले इंजीनियरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। मंत्री तोमर ने कहा कि हर अधिकारी बिजली उपभोक्ताओं के फोन जरूर सुने। फोन नहीं उठाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि आंधी और वर्षा के दौरान बिजली गुल होने पर त्वरित कार्यवाही कर विद्युत आपूर्ति शुरू करवायें। तोमर ने कहा कि आवश्यकता अनुसार एफओसी की टीम बढ़ायें।

ट्रांसफार्मर के लोड का निर्धारण करें, कॉल-सेंटर की क्षमता में वृद्धि की जाये

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर में अधिक लोड के कारण बिजली गुल होने के साथ ही वह जल भी जाते हैं। इसके लिये जरूरी है कि सर्वे करवा कर उपयुक्त क्षमता के ट्रांसफार्मर स्थापित किये जायें। उन्होंने कहा कि कॉल-सेंटर की क्षमता में वृद्धि की जाये, जिससे उपभोक्ताओं को समस्या दर्ज कराने के लिये ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़े।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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