BJP विधायक संजय पाठक की कंपनियों और सहारा इंडिया के संचालकगणों के खिलाफ EOW ने शुरू की जांच

सहारा कंपनी ने और संजय पाठक की कंपनियों के संचालकों ने नियमों की अवहेलना करते हुए भोपाल स्थित भूमि के बेचने से प्राप्त राशि सेबी के अकाउंट में जमा करने के बजाय सहारा इंडिया रियल एस्टेट लिमिटेड, सहारा हाउसिंग इंवेस्टमेंट कॉर्पोरेशन और निजी शैल कंपनियों को जमा कर दी।

Atul Saxena
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Bhopal News : भाजपा विधायक संजय पाठक की कंपनियों और सहारा इंडिया के संचालक गणों के खिलाफ EOW में प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। यह मामला जमीन बेचकर निवेशों के पैसे निवेशकों को लौटाने की धोखाधड़ी के आरोप में दर्ज किया गया है। दरअसल जबलपुर, कटनी और भोपाल की सहारा की जमीनें बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधायक संजय पाठक की कंपनियों द्वारा नियम विरुद्ध खरीदने की शिकायत की गई थी जिस पर ईओडब्ल्यू ने प्राथमिक जांच दर्ज की है।

राज्य आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो यानि ईओडब्ल्यू ने सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग कॉरपोरेशन के संचालकों और भाजपा विधायक संजय पाठक की कंपनियों के संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। दरअसल 2014 में सर्वोच्च न्यायालय और सेबी द्वारा सहारा समूह को निवेशकों की राशि लौटाने के लिए कंपनी की संपत्ति बेचने की अनुमति दी गई थी। सर्वोच्च न्यायालय ने यह निर्देश दिए थे कि जमीन बेचने से प्राप्त राशि को बांद्रा मुंबई के सेबी स्थित अकाउंट में जमा कराया जाए ताकि उस पैसे को गरीब निवेशकों को वापस लौटाया जा सके।

इस तरह बेचीं गई जमीनें 

इसी आदेश के आधार पर भोपाल में मक्सी स्थित लगभग 110 एकड़ जमीन 48 करोड रुपए में मै. सिनाप रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को, जबलपुर की 100 एकड़ जमीन 20 करोड रुपए में मै. नायसा देव बिल्ड प्राइवेट लिमिटेड और कटनी में लगभग 100 एकड़ जमीन 20 करोड रुपए में मै. नायसा देव बिल्ड प्राइवेट लिमिटेड को बेची गई। इस तरह सहारा इंडिया की लगभग 310 एकड़ जमीन को लगभग 90 करोड रुपए में बेच दिया गया, जबकि केवल भोपाल के मक्सी में स्थित 110 एकड़ भूमि को स्वयं सहारा कंपनी ने 2014 में सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष 125 करोड रुपए का बताया था। इतना ही नहीं, सहारा कंपनी ने और संजय पाठक की कंपनियों के संचालकों ने नियमों की अवहेलना करते हुए भोपाल स्थित भूमि के बेचने से प्राप्त राशि सेबी के अकाउंट में जमा करने के बजाय सहारा इंडिया रियल एस्टेट लिमिटेड, सहारा हाउसिंग इंवेस्टमेंट कॉर्पोरेशन और निजी शैल कंपनियों को जमा कर दी।

EOW ने शुरू की प्रारंभिक जांच 

EOW ने इसी मामले में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश अनुसार विक्रय की राशि सेबी के खाते में जमा न करने और आंतरिक रूप से उपयोग करने के कारण आशुतोष दीक्षित की शिकायत पर मै. सिनाप रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को जबलपुर, मै. नायसा देव बिल्ड प्राइवेट लिमिटेड , सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन सहारा हाउसिंग कॉरपोरेशन इन्वेस्टमेंट समूह के अधिकारी कर्मचारी, सहारा ग्रुप द्वारा बिक्री हेतु अधिकृत की गई विभिन्न विक्रेता कंपनियों एवं संबंधित राजस्व अधिकारी गण एवं अन्य के विरुद्ध ईओडब्ल्यू में प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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