आबादी में हुए बदलाव के बाद भी नहीं होगा नगर निगम की सीमा का परिसीमन

भोपाल ,डेस्क रिपोर्ट। राजधानी में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट(Smart City Project) की वजह से 3 वार्डों की आबादी में बदलाव के बाद भी नगर निगम (Nagar Nigam) सीमा का परिसीमन (Limitation) नहीं होगा। नगरीय विकास विभाग (Urban Development Department) ने इसके लिए तर्क दिया है कि मध्य प्रदेश नगर पालिका नियम 1994 (Madhya Pradesh Municipality Rules 1994) में वार्डो के परिसीमन को लेकर जनसंख्या परिभाषित नहीं की गई है। ऐसे में वार्डों पुननिर्धारण उचित नहीं है। इसके मद्देनजर भोपाल नगर निगम के वार्डों का परिसीमन मौजूदा स्थिति में संभव नहीं है। साथ ही वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया जल्द करने का अनुरोध कलेक्टर से किया है। दरअसल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने नगरीय विकास विभाग को कुछ दिन पहले पत्र लिखा था। जिसमें बताया था कि लॉकडाउन के कारण 28 जुलाई को आरक्षण की प्रक्रिया नहीं हो पाई, साथ ही जानकारी दी थी कि भोपाल के 3 वार्ड नो 25, 31 और 32 में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए कई सरकारी मकान तोड़े गए हैं ।

इस वजह से यहां रहने वाले लोगों या वोटर वार्ड छोड़कर कहीं और चले गए। इस संबंध में विधायक पीसी शर्मा व कांग्रेस जिला अध्यक्ष कैलाश मिश्रा ने ज्ञापन देकर इन वार्डो का पुननिर्धारण करने के बाद आरक्षण की प्रक्रिया करने की मांग की थी। इस पर कलेक्टर ने शासन स्तर से मार्गदर्शन मांगा था। इसके जवाब में नगरीय विकास विभाग ने कलेक्टर को पत्र लिखकर बताया कि 1 जनवरी 2020 से 31 मार्च 2021 की अवधि में प्रशासनिक इकाइयों की सीमा में परिवर्तन करने का प्रतिषेध है। नियमों में भी वार्ड की जानकारी परिभाषित नहीं की गई है ऐसे में परिसीमन उचित नहीं है।


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)