हारने के बाद भी सिंधिया समर्थक दो मंत्रियों का नहीं जा रहा पद मोह, नहीं दिया इस्तीफा

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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश  (Madhya pradesh) में 28 विधानसभा सीटों ( Assembly seats) पर हुए उपचुनावों (By election) में भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya janata party)ने भले ही 19 सीटें जीतकर शिवराज सरकार (Shivraj government) ने स्थायित्व (Stability) दे दिया हो लेकिन  ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya scindia samarthak) समर्थक तीन मंत्रियों के हारने से सिंधिया कैंप में थोड़ी मायूसी है। हार के बाद भी इनमें से दो मंत्रियों ने अभी इस्तीफा नहीं दिया है। उनसे मंत्री पद का मोह नहीं छूट रहा है।

प्रदेश की 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 19 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया और कांग्रेस को 9 सीटों पर ही रोक दिया। भाजपा ने हालांकि जीत तो बड़ी हासिल की लेकिन सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाले क्षेत्र ग्वालियर चंबल संभाग में सिंधिया समर्थक तीन मंत्री चुनाव हार गए। प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी डबरा से चुनाव हार गई वहीं कृषि राज्य मंत्री गिर्राज दंडोतिया दिमनी विधानसभा से चुनाव हार गए। उधर सुमावली विधानसभा से चुनाव लड़े पीएचई मंत्री एदल सिंह कंसाना भी चुनाव हार गए। ये तीनों सीटें कांग्रेस के खाते में चली गई।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....