भोपाल| खाली खजाने और कोरोना संकट से जूझ रही प्रदेश की शिवराज सरकार ने कमलनाथ सरकार के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिससे सरकारी खजाने पर बड़ा बोझ पड़ने वाला था| शिवराज सरकार ने पिछली सरकार द्वारा पांच प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने के आदेश को स्थगित किया है | वर्तमान स्तिथि को देखते हुए सरकार के इस फैसले से लाखों कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है| इसका जहाँ कर्मचारी संगठनों में विरोध शुरू हो गया है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी इस फैसले को तानाशाही पूर्ण निर्णय बताते हुए पुरज़ोर विरोध करने की चेतावनी दी है|
पूर्व सीएम ने ट्वीट कर शिवराज सरकार के फैसले का विरोध किया है| उन्होंने लिखा है- “हमारी सरकार ने प्रदेश के लाखों कर्मचारियों की माँग को पूरा करते हुए उनके हित में एक ऐतिहासिक फ़ैसला लिया था। हमने शासकीय सेवको व स्थाई कर्मियों के महंगाई भत्ते में 1 जुलाई 2019 से वृद्धि कर इसे छठवें वेतनमान में 164 प्रतिशत व सातवें वेतनमान में 17 प्रतिशत महंगाई भत्ते की दर निर्धारित कर , इसका नगद भुगतान मार्च 2020 के वेतन से किये जाने का निर्णय कर्मचारी हित में लिया था। इस निर्णय का प्रदेश के लाखों कर्मचारियों ने स्वागत किया था। लेकिन शिवराज सरकार ने आते ही इस आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाकर अपनी कर्मचारी विरोधी सोच को उजागर कर दिया है”।
सरकार को चेतावनी
कमलनाथ ने विरोध की चेतावनी देते हुए लिखा “मै शिवराज सरकार से माँग करता हूँ कि वो तत्काल इस रोक को हटावे और कर्मचारियों के हित के हमारी सरकार द्वारा लिये गये इस फ़ैसले को अविलंब लागू करे अन्यथा कांग्रेस इस तानाशाही पूर्ण निर्णय का पुरज़ोर विरोध करेगी”।
पांच प्रतिशत महंगाई भत्ते पर रोक
कमलनाथ सरकार ने 16 मार्च 2020 को महंगाई भत्ते में वृद्धि का आदेश जारी किया था| 1 जुलाई 2019 से छठवें व सातवें वेतनमान में 164 प्रतिशत व 17 प्रतिशत महंगाई भत्ता निर्धारित किया गया था| जो कि मार्च 2020 के वेतन में महंगाई भत्ते का नगद भुगतान होना था| वित्त विभाग ने इस आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है। वहीं एरियर के बारे में सरकार ने अभी कोई फैसला नहीं किया है”।