भोपाल। कोरोना संकट (Corona Crisis) के चलते मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कॉलेज विद्यार्थियों के लिए शिवराज सरकार ने जनरल प्रमोशन (General Promotion) की घोषणा की थी| लेकिन यूजीसी (UGC) ने पूरे देश में उच्च शिक्षा के अंतिम वर्ष की परीक्षाएं अनिवार्य रूप से आयोजित करवाने की गाइडलाइन (Guidline) जारी की है| जिसके बाद प्रदेश के सरकारी विश्वविद्यालयों से संबंद्ध प्राइवेट और सरकारी कॉलेजों की अंतिम सेमेस्टर या वर्ष की कक्षाओं में इस साल सितंबर में परीक्षाएं आयोजित कराई जाएंगी। UGC की नई गाइडलाइन के आधार पर सरकार ने यह निर्णय लिया है।
यूजीसी की गाइडलाइन जारी होने के बाद से ही विद्यार्थी असमंजस में थे| यूजीसी की गाइडलाइन के बाद इसका अध्ययन करने के बाद कोई फैसला लेने का निर्णय लेने की बात कही जा रही थी| अब अंतिम सेमेस्टर या वर्ष की कक्षाओं में इस साल सितंबर में परीक्षाएं आयोजित कराई जाएंगी। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को परीक्षा कराने की तैयारी करने के आदेश दे दिए हैं। इसके साथ ही आयोग की नई गाइडलाइन के अनुसार राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने भी तकनीकी शिक्षा के छात्रों की परीक्षा कराने का निणर्य लिया है।
एनएसयूआई विरोध में सड़कों पर उतरी
इधर छात्र संगठन एनएसयूआई यूजीसी की गाइड लाइन के विरोध में उतर चुकी है| बुधवार को एनएसयूआई ने भोपाल में प्रदर्शन किया| उनका कहना है कि कोरोना महामारी के चलते ,जब पूरे देश के परिवारों का जीवन अस्त व्यस्त है, ऐसे परिस्थितियों मैं UGC ,केन्द्रीय गृहमंत्रालय द्वारा तुगलकी फरमान जारी कर विश्विद्यालय को परीक्षा करवाने के निर्देश दिए है जबकि अभी छात्रों का आदे से ज्यादा कोर्स पढ़ाया जाना बाकी है, मध्यप्रदेश NSUI ने प्रदेश प्रभारी नीतीश गौड़ के नेतृत्व में UGC की गाइडलाइन की कॉपी जला कर विरोध प्रदर्शन किया , ओर बताया कि जब शिवराज चौहान द्वारा छात्रों को जरनल प्रमोशन देने को घोषणा कर दी गयी तो UGC क्यों छात्रों को जिंदगी के साथ खिलवाड़ करना चाहती है|