मंगलवार से भोपाल, उज्जैन और इन्दौर की शराब दुकानें आबकारी विभाग द्वारा संचालित की जाएगी। आबकारी विभाग ने इन जिलों के कलेक्टर को आदेश दिए हैं कि सरेंडर दुकानों का विभागीय संचालन किया जाए। राजस्व हित को देखते हुए ये फैसला लिया गया है कि नए टेंडर होने तक इनका संचालन विभाग द्वारा किया जाए।
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बता दें कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद कई ठेकेदारों ने शराब की दुकानें सरेंडर कर दी है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर सहित कई जिलों में ठेकेदारों ने शराब दुकानें सरकार को सौंप दी हैं। दरअसल सरकार द्वारा अपनी मांगों के पूरा नहीं होने पर शराब ठेकेदारों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जहाँ कोर्ट ने सभी शराब ठेकेदारों को कहा कि सरकार ने जो नई नीति बनाई है वो जिन ठेकेदारों को मंजूर है वे तीन दिन के अंदर शपथ पत्र के साथ हाईकोर्ट के समक्ष रखें और जिन्हें मंजूर नहीं है वे अपनी दुकान सरेंडर कर सकते हैं। इस दौरान सरकार की नई नीति को नहीं मानने वालों पर सरकार कोई रिकवरी नहीं करेगी। इसके बाद कई जिलों में ठेकेदारों ने दुकानें सरकार को सौंप दी थी। बताया जा रहा है कि कुल टेंडर के मुताबिक शराब ठेकेदारों ने 10460 करोड़ में से 7200 करोड़ की दुकानें सरकार को सौंप दी जिससे कुल 3000 करोड़ का घाटा हुआ है। अब आबकारी विभाग द्वारा नए टेंडर होने तक इन दुकानों का विभागीय संचालन करने का फैसला लिया है।