भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। देश के जाने माने साहित्यकार मंजूर एहतेशाम (Manzoor Ahtesham) का निधन हो गया। भोपाल के रहने वाले मंजूर एहतेशाम को पद्मश्री सहित अनेक पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। उनके निधन से साहित्य जगत में शोक की लहर हैं।
जबलपुर- सीएमएचओ रत्नेश कुरारिया और पत्नी कोरोना पॉजिटिव
3 अप्रैल 1948 को भोपाल में जन्मे मंजूर एहतेशाम मशहूर कथाकार थे। 1973 में उनकी पहली कहानी ‘रमजान में मौत’ प्रकाशित हुई। वहीं उनका पहला उपन्यास ‘कुछ दिन और’ 1976 में छपकर आया। सूखा बरगद, दास्ताने लापता, बशारत मंजिल, पहर ढलते उनके प्रमुख उपन्यास हैं वहीं वे तसबीह, तमाशा सहित अनेक कहानियों के रचयिता रहे हैं। साल 2003 में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से अलंकृत किया गया। इसी के साथ श्रीकांत वर्मा स्मृति सम्मान, भारतीय भाषा परिषद कलकत्ता का सम्मान, मध्यप्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन का वागीश्वरी पुरस्कार, वीरसिंह देव पुरस्कार, पहल सम्मान सहित अनेक सम्मानों से नवाजा जा चुका है। उनकी लेखनी समाज की विद्रूपताओं, कड़वी सच्चाई और अन्याय को बहुत मानीखेज तरीके से प्रस्तुत करती थी। उनका जाना साहित्य जगह के साथ पूरे समाज के लिए गहरी क्षति है।