भोपाल।
नई सरकार के लिए नई विधानसभा की भी तैयारियां पूरी हो चुकी है। परिणाम के घोषणा के बाद एक हफ्ते के अंदर नई सरकार अस्तित्व मे आ जाएगी। इसी बीच खबर है कि नई सरकार के बनते ही विधानसभा सचिवालय के कुछ अधिकारियों को हटाया जा सकता है।इनमें वो अधिकारी शामिल है जिनकी नियुक्ति किसी की सिफारिश पर की गई है या फिर वे रिटायरमेंट के बाद भी आज तक पदों पर आसीन है। खबर है कि नई सरकार द्वारा इनके स्थान पर संसदीय कार्यप्रणाली के अनुभवी अधिकारियों को मौका दिया जा सकता है।
दरअसल, विस सचिवालय में बिजली कंपनी के इंजीनियर सुधीर शर्मा, मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनिल ब्रह्मभट और मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाइज कारपोरेशन से महेश शर्मा प्रतिनियुक्ति पर हैं। सुधीर शर्मा विधानसभा के अपर सचिव हैं तो ब्रह्मभट उप सचिव व महेश शर्मा विधानसभा अध्यक्ष के सचिव हैं। सुधीर शर्मा और महेश शर्मा को विधानसभा अध्यक्ष सीतासरण शर्मा के माध्यम से विधानसभा सचिवालय में प्रतिनियुक्ति दी गई थी। वही अनिल ब्रह्मभट को वित्त मंत्री जयंत मलैया के द्वारा प्रतिनियुक्ति दिलाई गई थी।
इसके साथ ही कुछ ऐसे भी अधिकारी है जो रिटायरमेंट के बाद भी पद पर आसीन है। इनमें पीएन विश्वकर्मा, बीएल विश्वकर्मा और श्यामलाल मैथिल शामिल है । पीएन विश्वकर्मा अपर सचिव के रूप में संविदा पर हैं तो बीएल विश्वकर्मा विधानसभा अध्यक्ष के ऐच्छिक पद पर काम कर रहे हैं। श्यामलाल मैथिल उप सचिव के रूप में संविदा नियुक्ति लिए हुए हैं। पीएन विश्वकर्मा को पहले दो साल की सेवावृद्धि दी गई थी और इसके बाद उन्हें छह महीने व एक साल की संविदा नियुक्ति पर रखा गया। नतीजे सामने आने के बाद अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो इन पांचों अधिकारियों का हटना तय है, लेकिन अगर बीजेपी की सरकार बनती है तो दो अधिकारियों के हटने पर संशय है। खैर कौन हटता है और कौन रहता है इसका फैसला नई सरकार करेगी। इसके पहले सबकी निगाहें कल आने वाले नतीजों पर टिक गई है।