CD कांड से चर्चा में आए वन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष शिवशंकर पटैरिया की जहर खाने से मौत

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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। वन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष शिवशंकर पटैरिया की 18 फरवरी को इलाज के दौरान मौत हो गई। उन्होंने 8 फरवरी की देर रात मंडी बामोरा में जहरीला पदार्थ खाया था। उन्होंने इसकी सूचना अपने परिजन को मैसेज पर दी थी। इसके बाद उनका बेटा मंडी बामोरा में पहुंचा था। यहां से उन्हें इलाज के लिए बीना ले जाया गया था, लेकिन स्थिति गंभीर होने के चलते उन्हे सागर रेफर कर दिया गया था। गंभीर हालत में उन्हें सिविल अस्पताल से सागर के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन यहाँ भी जहां स्थिति नाजुक होने पर शिव शंकर पटैरिया को भोपाल रैफर किया गया था। जहां शुक्रवार को इलाज के दौरान उन्हे बचाया नहीं जा सका। शिवशंकर पटेरिया पूर्व वित्त मंत्री राघवजी की सेक्स सीडी जारी कर सुर्खियों में आए थे। परिजनों की माने तो शिवशंकर पटैरिया लंबे समय से तनाव में थे। नवंबर 2020 में उनके ऊपर 307 का प्रकरण दर्ज हुआ था। उसके बाद लंबे समय तक वह जेल में रहे थे। जेल से बाहर आने के बाद से ही वह तनाव में थे। पटैरिया पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के बेहद नजदीकी माने जाते थे। उमा जब मुख्यमंत्री थी, तब पटैरिया वन विकास निगम के अध्यक्ष थे।

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61 साल के शिवशंकर पटैरिया वन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने 8 फरवरी को रात में करीब 2 बजे मंडीबामोरा में जहरीला पदार्थ खाया था। इसके पहले उन्होंने अपने परिजनो को  मैसेज किया। इसके बाद उनका बेटा सौरभ अपने छोटे भाई के साथ उन्हें तलाशने निकला। वह बिहारी मंदिर के पीछे बगीचा में बेहोशी की हालत में मिले। तत्काल उन्हें रिफाइनरी अस्पताल लाया गया था। बताया जा रहा है कि जहर खाने से पहले शिवशंकर पटैरिया ने सूसाइड नोट भी लिखा है, जिसमें उन्होंने आत्महत्या के लिए अजयगढ़ पन्ना के हनुमान प्रसाद द्विवेदी को जिम्मेदार ठहराया है। उसके बारे में पटेरिया ने लिखा है कि वह 16 साल से उनके साथ था और सब कुछ ठग कर ले गया। पटैरिया ने हत्या के मामले में सरकार को भी घेरा था। सुसाइड नोट में लिखा था कि उसके खिलाफ सरकार ने एकतरफा 307 का केस लगाया है। शासन में बैठे लोग मुझे सजा दिलाने के लिए प्रत्यक्ष रूप से सक्रिय हैं। सरकार से नहीं लड़ सकता और इतना ताकतवर नहीं हूं। पटैरिया के कथित सुसाइड नोट में उन्होंने एक साल से अपनी परेशानी बताई है और कहा कि अब जिया नहीं जाता। हर निर्णय उलटा हो रहा है।

 


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Harpreet Kaur

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