भोपाल। दो बार मंत्री रह चुके, सांसद के रूप में दिल्ली में प्रदेश का नेतृत्व कर चुके और दूर प्रदेश जाकर महामहिम की भूमिका निभाकर खुद को साबित कर चुके डॉ. अजीज कुरैशी को कांग्रेस सरकार ने उनके कद से बहुत नीचे जाकर मप्र उर्दू अकादमी के पद का झुनझुना थमा दिया है। चंद महिने बाद होने वाले प्रदेश से राज्यसभा नामांकन की कवायद के बीच दिए गए इस लॉलीपॉप को उनकी राज्यसभा दावेदारी को खारिज करने जैसा माना जा रहा है। डॉ. कुरैशी को इस पद पर काबिज करने के लिए लंबे समय से मान-मनौवल का दौर चल रहा था। उच्च सियासी दबाव के बाद उन्होंने पद लेना स्वीकार कर लिया है। वे शुक्रवार को पद ग्रहण करने वाले हैं।
पिछले कई दिनों से चल रही मप्र उर्दू अकादमी अध्यक्ष को लेकर कवायदों के बीच कई लोगों के नाम इस पद की दौड़ में शामिल किए जा रहे थे। पिछले कुछ दिनों से अचानक एक नाम डॉ. अजीज कुरैशी का भी इसमें जुड़ा और गुरूवार की रात को इस नाम पर संस्कृति विभाग ने आदेश जारी कर दिए। डॉ. अजीज कुरैशी ने अपने सियासी जिंदगी में जिन पदों को सुशोभित किया है, उनके लिहाज से यह पद उनके लिए सबसे छोटा माना जा रहा है। वे राज्यपाल, सांसद और प्रदेश के महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री रह चुके हैं। प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने के बाद से मुस्लिम सियासत में उनका नाम अहतराम से लिया जा रहा था और उम्मीद की जा रही थी कि उन्हेंं कोई बड़ी जिम्मेदारी से नवाजा जाएगा। लेकिन अचानक हुए मप्र उर्दू अकादमी अध्यक्ष पद के नाम की घोषणा ने कई सियासी सवाल खड़े कर दिए हैं।
राज्यसभा की दावेदारी खारिज करने की रणनीति
संभवत: मार्च में प्रदेश से राज्यसभा सीटों के लिए नामांकन होने वाले हैं। ऐसे में डॉ. अजीज कुरैशी के कद और कांग्रेस के लिए उनकी सेवाओं को देखते हुए इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि डॉ. कुरैशी को इसमें शामिल किया जा सकता है। दबी जुबान में कुछ मुस्लिम नेताओं ने इसके लिए मुहिम भी चलाई थी कि राज्यसभा की करीब छह सीटों में किसी मुस्लिम को भी समायोजित किया जाए। सूत्रों का कहना है कि इसी मुस्लिम दावेदारी को दबाने के लिए आनन-फानन में डॉ. कुरैशी के लिए उर्दू अकादमी की कुर्सी तैयार कर दी गई है। बताया जाता है कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस कवायद को अंजाम दिया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ के आदेश के मुताबिक वे खुद डॉ. कुरैशी के घर पहुंचे थे और इस पद को स्वीकार करने के लिए उन्हेंं मनाया है। उन्हीं के निर्देशानुसार संस्कृति मंत्री डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ने डॉ. अजीज कुरैशी के नाम की अंतिम घोषणा कर सारी दावेदारियों को दरकिनार कर दिया है।
शुक्रवार को करेंगे पदभार ग्रहण
डॉ. अजीज कुरैशी शुक्रवार को दोपहर तीन बजे मप्र उर्दू अकादमी पहुंचकर अपना पदभार ग्रहण करने वाले हैं। इस मौके पर बड़ी तादाद में उनके समर्थक और प्रदेशभर से आए हुए शायर,अदीब, साहित्यकारों के अलावा कुछ सियासी लोगों की मौजूदगी की उम्मीद है। इस बीच इस बात की चर्चाएं भी आम हैं कि अब तक अपने वाहन पर पूर्व राज्यपाल की तख्ती लगाए घूमने वाले डॉ. अजीज अपने साथ पूर्व की तख्ती लगाएंगे या वर्तमान पद को परिभाषित करती हुई नाम पट्टिका के साथ लोगों से मुलाकात करेंगेे।