भोपाल. शासकीय स्कूलों के बच्चों को मध्यान्ह भोजन देने के संदर्भ में पंचायत एवं ग्राम विकास विभाग एवं अक्षय पात्र संस्था द्वारा सहयोग से मेगा किचन इकाई तैयार हो रही है। मंगलवार को कमलनाथ(kamalnath) ने बावड़िया कला मेगा किचन इकाई का भूमि पूजन किया।
शिलान्यास करने पहुंचे कमलनाथ
मेगा किचन इकाई के शिलान्यास के मौके पर कमलनाथ ने कहा कि बेहतर समाज और देश के निर्माण के लिए जरूरी है कि हम बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर भोजन उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि अक्षय पास संस्था बच्चों को शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ बनाने के लिए शुद्ध एवम् अच्छा खाना देने के लिए अनुकरणीय पहल कर रही है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जरूरी है कि अच्छे काम करने के लिए हमारी सोच भी अच्छी हो। बच्चे राष्ट्र का भविष्य होते हैं और कोई भी राष्ट्र उसके बगैर श्रेष्ठ राष्ट्र नहीं बन सकता। बच्चों के मानसिक उत्थान के लिए उन्हें अच्छा भोजन मिलना भी जरूरी है। नाथ ने एचईजी(HEG) द्वारा समाज सेवा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि उद्योगों द्वारा कॉरपोरेट(Corporate) सोशल(Social) रिस्पांसिबिलिटी निधि का उपयोग समाज सेवा के क्षेत्र में किया जाना चाहिए ताकि समाज का उत्थान हो। इस मौके पर उन्होंने स्वयं ही बच्चों को खाना भी परोसा।
बताते चलें कि बच्चों को मध्यान्ह भोजन देने के संबंध में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग संस्था के मध्य मुख्यमंत्री की उपस्थिति में 9 सितंबर को एमओयू हस्ताक्षर किया गया था।
क्या है योजना
इस योजना के तहत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अक्षय पास संस्था भोपाल के 921 स्कूलों के 50 हजार बच्चों को अगले शिक्षा सत्र से भोजन उपलब्ध करवाएगी। इसके साथ ही एचईजी अपने सीएसआर फंड से छिंदवाड़ा एवं भोपाल में 15 लाख की लागत से अक्षय पात्र के सहयोग से मेगा किचन का निर्माण करेगी। एचईजी छोटे प्रोजेक्ट पर काम करते हुए भी छिंदवाड़ा में करीब 8000 बच्चों को भोजन उपलब्ध करवाने का प्रोजेक्ट शुरू कर सकती हैं।
रवि झुनझुनवाला का बयान
एचईजी लिमिटेड के अध्यक्ष रविंद्र झुनझुनवाला ने बताया कि मुझे सरकारी क्षेत्र में बहुत कम है संभव है जब सरकार एक अच्छे काम के लिए स्वयं पहल करें। इस मानव कल्याणकारी योजना के लिए हमारे पास पहले वाली जमीन बेहतर नहीं थी इसलिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हमें दूसरी जमीन उपलब्ध कराई।निश्चय ही यहां से हमें बच्चों तक भोजन उपलब्ध कराने में सुविधा होगी।