आदिवासी की मौत पर भड़के कमल नाथ, सीएम शिवराज से किया सवाल, क्या इंसाफ होगा?

MP News : मप्र में विधानसभा चुनाव से पहले आदिवासी अत्याचार के मुद्दे पर सियासत तेज हो चुकी है , पिछले कुछ दिनों में सामने आये ऐसे मामलों में कांग्रेस ने शिवराज सरकार को घेरा है और एक बार फिर कमल नाथ ने सरकार पर निशाना साधा है, कमल नाथ ने सीएम शिवराज से सवाल किया है – इंसाफ होगा?

प्रदेश में आदिवासी अत्याचार के मामलों पर सियासत 

आदिवासियों को मारने पीटने का मामला हो या फिर आदिवासी पर पेशाब करने का मामला हो, पिछले कुछ दिनों में मध्य प्रदेश ने राष्ट्रीय स्तर पर इसमें बदनामी झेली है और पूरा प्रदेश अपमानित हुआ है, ये बात अलग है कि शिवराज सरकार ने आदिवासियों पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ तुरंत सख्त एक्शन लिए, उनको जेल भेजा, उनके अवैध आशियानों बुलडोजर भी चलवाए, मगर इस तरह के मामले अभी पूरी तरह से रुक नहीं पाए है।

कमल नाथ ने सिलवानी में आदिवासी की मौत पर उठाये सवाल 

कांग्रेस आदिवासियों पर अत्याचार को लेकर मुखर है, पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कमल नाथ ने सिलवानी में हुई आदिवासी की मौत पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया है , कमल नाथ ने लिखा – “सिलवानी में आदिवासी युवक श्रीराम आदिवासी की मृत्यु का दुखद समाचार सामने आया। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उसकी जूतों से पिटाई की और सुबह वह मृत पाया गया।”

कमल नाथ का शिवराज से सवाल – क्या इंसाफ होगा या ये केस भी रफा दफा होगा 

कमल नाथ ने सवाल किया – “मैं मुख्यमंत्री से जानना चाहूंगा कि इस मामले में इंसाफ होगा या फिर आदिवासियों पर अत्याचार करने की अपनी आदत के मुताबिक इस मामले को भी रफा दफा कर दिया जाएगा ? शिवराज सरकार में कभी भाजपा नेता, कभी पुलिस, कभी प्रशासन तो कभी दबंग आदिवासियों पर लगातार अत्याचार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री से आग्रह करता हूं कि मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों पर सबसे सख्त कार्रवाई की जाए।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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