Bhopal -Fraud in the name of Ayurvedic treatment : भोपाल क्राइम ब्रांच पुलिस ने आयुर्वेदिक इलाज के नाम पर बुजुर्ग दम्पत्ति से 42 लाख रुपए की धोखाधड़ी करने वाले तीन आरोपियों को राजस्थान से गिरफ्तार किया है। हालांकि इससे पहले इसी गैंग के एक सदस्य को पुलिस ने गिरफ्तार किया था जिसके बाद उससे पूछताछ के बाद गैंग के अन्य आरोपी सदस्यों को पकड़ा है, यह गैंग बड़े होटल व रेस्टोरेंट के बाहर रहकर रेकी करती थी। इसके बाद चलने में असमर्थ बुजुर्ग को सहानुभूति के बहाने जाकर अपने जाल में फंसा लेते। थैरेपी व दवाई के नाम पर अलग-अलग खातों में पैसे ट्रांसफर करवा लेते। आरोपी बुजुर्गों को अपना निशाना बनाते थे और उन्हे अपने जाल में ऐसा उलझाते थे कि लोग इनके झांसे में फँसते ही चले जाते थे, आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए टीम करीब हफ्ते तक राजस्थान में रही। आरोपियों ने रहने के लिए डेरा बना रखा है। जहां आने जाने वाले रास्तों पर इनके आदमी बैठे रहते हैं। किसी अज्ञात व्यक्ति को देखकर ये टीम को तुरंत सतर्क कर देते हैं।
बुजुर्गों को बनाता था निशाना यह गैंग
आरोपियों ने बावड़िया कला, शाहपुरा के रहने वाले 72 साल के राकेश मोहन विरमानी जनरल मैनेजर भारतीय स्टेट बैंक के पद से रिटायर हैं। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी को डीप वेन थ्रोम्बोसिस नाम की बीमारी है। जिसकी वजह से पैरों में सूजन रहती है। 4 फरवरी 2023 को पत्नी के साथ एमपी नगर स्थित मनोहर रेस्टोरेंट में खाना खाने गए थे। वहां से निकलते वक्त एक लड़का मिला जिसमें अपना नाम राजीव बताया और पत्नी से बोला कि आप लंगड़ाकर क्यों चल रही है। मेरी मां को भी यही दिक्कत थी जिसे मुंबई के डॉक्टर पटेल को दिखाया और वो एक दम ठीक हो गई। लड़के ने डॉ. पटेल का नंबर दिया और बताया कि अभी वो भोपाल में ही हैं। उन्होंने 5 फरवरी को उस नंबर पर कॉल किया तो डॉ. पटेल 6 फरवरी को अपने असिस्टेंट के साथ घर आ गए। परेशानी पूछी और ब्लेड से एक कट लगाया फिर निडिल पैर में लगाकर मुंह से 2-3 सेकंड तक खींचा। इसके बाद नीडल में एक सफेद कलर का पदार्थ दिखाकर बोला कि यह मवाद है, जिसके कारण खून सप्लाई नहीं होती है। इसी प्रक्रिया दो-तीन बार और किया। इसके बाद बोला इस थेरेपी खतरनाक है, इसके एक बार के 6000 लगेंगे। इस थेरेपी को 354 बार की जिसके 21 लाख 24 हजार लिए। इसके बाद दवाई व मालिश के नाम पर डॉ. पटेल के असिस्टेंट के द्वारा दिए गए अकाउंट में करीब 20 लाख रुपए ट्रांसफर कराए। इसके बाद डॉक्टर से और पैसे मांगे। इस पर फरियादी ने पैसे देने से मना कर दिया और अपने पैसे वापस मांगे। डॉक्टर ने 27 फरवरी को भोपाल आकर पैसे वापस करने की बात कही। इस दौरान 23 फरवरी को कॉल करके बोला कि मां को अटैक आ गया है, भोपाल नहीं आ पाएंगे। इसके बाद फोन स्वीच ऑफ कर लिया।
ऐसे पकड़ा पुलिस ने
दंपति ने कई बार जब आरोपियों से संपर्क करना चाहा तो फोन बंद मिला जिसके बाद उन्हे अपने साथ हुई ठगी का एहसास हुआ, इसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत की, मामले की गंभीरता को देखते हुए टीम गठित की गई। फरियादी के द्वारा दिए गए बैंक डिटेल व टेक्निकल एनालिसिस के आधार पर टीम राजस्थान रवाना हुई। राजस्थान पहुंचकर खाता धारक झवर, जोधपुर के रहने वाले आरोपी विशाल पुत्र मेघदान की तलाश की गई जो नहीं मिला। फिर टीम ब्लू सिटी मॉल के सामने थाना रातानाड़ा, जोधपुर के रहने वाले सावर लाल जाट (27) पुत्र हनुमान सहाय को पकड़ा। जो गार्ड की नौकरी करता है और पैसों के लिए बैंक अकाउंट उपलब्ध कराता था। आरोपी से घटना के बारे में पूछने पर उसने अपना जुर्म स्वीकर कर लिया। टीम ने आरोपी के पास दो चेकबुक, आधार कार्ड एवं मोबाइल फोन जप्त किया। आरोपी सावर लाल की निशानदेही पर पुलिस ने कोटा के रहने वाले मो इमरान (32) पुत्र मो. जमीर, मोहम्मद जावेद (47) पुत्र ईशाक और मोहम्मद खलील (33) पुत्र मोहम्मद अब्दुल जफ्फार को गिरफ्तार किया। इमरान और खलील दूसरी तक पढ़े हैं जबकि जावेद 8वीं पास है। तीनों ही भोपाल के सूखीसेवनियां के आउटर में रहकर पैर में दर्द वालों की होटल व रेस्टोरेंट के बाहर रेकी करते थे। हालांकि मामले में डॉक्टर पटेल व गैंग के अन्य सदस्य फरार हैं, जिसकी तलाश क्राइम ब्रांच टीम कर रही है।