गैस पीडि़तों के नाम पर चलने वाली दुकानों की हो सीआईडी जांच

भोपाल। 35 बरस पहले राजधानी के हजारों घरों पर आई एक महा मुसीबत के बाद आज लाखों लोग कई बीमारियों से जूझ रहे हैं। उनके लिए न इलाज के मुनासिब इंतजाम हो सके हैं, न पुनर्वास के और न ही मुआवजे के, लेकिन इनके नाम पर गैस पीडि़त संगठनों की दुकानें खोले बैठे लोग करोड़पति होकर बैठ गए हैं। ऐसे सभी लोगों की तत्काल सीआईडी जांच होना चाहिए।

गैस पीडि़त संयुक्त संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष शम्सुल हसन ने गुरूवार को पत्रकारवार्ता के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि गैस पीडि़तों के जख्मों के नाम पर अपनी हरियाली खड़ी करने वाले संगठन लगातार अमीर होते जा रहे हैं, जबकि जिन लोगों ने गैस का दर्द झेला है और अब तक बीमारियों से जूझ रहे हैं,उनके हाथ सिफर ही आया है। हसन ने राजधानी में बाहरी प्रदेशों से आकर बस गए लोगों और गैस पीडि़तों के नाम पर अपनी दुकानें चलाने वालों की तत्काल सीआईडी जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि संयुक्त संघर्ष मोर्चा इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ, गैस राहत मंत्री आरिफ अकील आदि से मिलकर इस बारे में ज्ञापन सौंपेगा। उन्होंने कई संगठनों के नामों को शामिल करते हुए सवाल उठाया कि जो लोग गैस पीडि़तों के लिए रिसर्च करने और सुविधाएं जुटाने की बात करते हैं, वे सामने आकर इस बात का प्रमाण दें कि उन्होंने अब तक क्या रिसर्च किया और कितने लोगों को सुविधाएं और राहत पहुंचाई हैं। हसन ने गैस पीडि़तों के लिए बिना लालच के काम करते रहे मरहूम अब्दुल जब्बार के परिवार के खराब आर्थिक हालात पर ध्यान दिलाते हुए मांग की है कि सरकार को तत्काल जब्बार के परिवार के किसी व्यक्ति को शासकीय नौकरी और शासकीय आवास का आवंटन करना चाहिए। उन्होंने यादगार-ए-शाहजहांनी पार्क या हमीदिया अस्पताल के नवनिर्मित भवन का नामकरण मरहूब अब्दुल जब्बार के नाम पर करने की मांग भी की है। उन्होंने बताया कि गैस कांड की बरसी पर 2 और 3 दिसंबर शहर के विभिन्न इलाकों में श्रद्धांजलि आदि के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।


About Author
Avatar

Mp Breaking News