भोपाल।
भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितो के पुनर्वास मे अब भी सरकारी इंतज़ाम पुख्ता नही हो सके है। पूरे मामले को लेकर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट मे दायर याचिकाओ पर माॅनिटिरिंग कमेटी ने अपनी रिपोर्ट एक बार फिर प्रस्तुत की। सुनवाई के दौरान बताया गया कि माॅनिटरिंग कमेटी के सचिव का पद खाली हो गया है। जिसपर जबलपुर हाईकोर्ट ने मॉनिटरिंग कमेटी में सचिव के रिक्त पद को जल्द भरने के निर्देश सरकार को दिए हैं। साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए केन्द्र सरकार , राज्य सरकार और याचिकाकर्ताओं से सुझाव मांगे हैं। भोपाल गैस त्रासदी के बाद पीड़ितों के साथ सुविधाओं संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई के बाद जबलपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह जल्द से जल्द मॉनिटरिंग कमेटी के सचिव के रिक्त पद को भरे।
आपको बता दें कि भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन समिति समेत कई याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की है जिनमें साल 2012 से लगातार सुनवाई चल रही है । सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल गैस पीड़ितों के उपचार और पुनर्वास के लिए मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया था यह मॉनिटरिंग कमेटी भोपाल गैस त्रासदी से पीड़ित हुए लोगों की रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार को सौंपती है। लेकिन अक्टूबर माह में मॉनिटरिंग कमेटी का सचिव पद खाली हो गया था जिसके बाद अब तक इसे नहीं भरा गया है ।
याचिकाकर्ताओं की तरफ से हाईकोर्ट में कहा गया कि भोपाल गैस त्रासदी से पीड़ित हुए लोगों को आज भी उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है,क्योंकि जिन अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं वह ना तो पर्याप्त स्टाफ है और ना ही पर्याप्त सुविधाएं। ऐसे में पीड़ित मरीजों को आज भी इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है ऐसे में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार केंद्र सरकार समेत तमाम याचिकाकर्ताओं से बेहतर इलाज की सुविधाओं के लिए सुझाव भी मांगे हैं इस मामले पर अगली सुनवाई 18 दिसंबर को होगी।