भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। भोपाल गैस त्रासदी (Bhopal gas tragedy) पीड़ितों ने कोरोना से यूनियन कार्बाइड और डाउ केमिकल से अतिरिक्त मुआवजे (compensation) की मांग की है। इनका कहना है कि गैस पीड़ितों पर वैश्विक महामारी कोरोना (corona) का दुष्प्रभाव अधिक हो रहा है। इसे लेकर गैस पीड़ितों के चार संगठनों ने अतिरिक्त मुआवजे की मांग की है।
2 और 3 दिसंबर 1984 की दरमियानी रात भोपाल में हुई भयानक औद्योगिक दुर्घटना में यूनियन कार्बाइ़़ड से मिथाइल आइसोसाइनाइट (MIC) नाम की जहरीली गैस का रिसाव हुआ था जिसमें सैकड़ों लोगों की जान गई थी और कई लोग प्रभावित हुए थे। इसका दुष्प्रभाव पीढ़ी दर पीढ़ी अब भी हो रहा है। अब कोरोना काल में इन्होने अतिरिक्त मुआवजे की मांग की है। इनका दावा है कि आम लोगों के मुकाबले गैस पीड़ितों पर कोराना का दुष्प्रभाव 6.5% गुना अधिक हुआ है। इन संगठनों ने कहा है कि इनके पास आधिकारिक दस्तावेज हैं जिनसे साबित होता है कि सामान्य इलाकों के मुकाबले गैस पीड़ित क्षेत्रों में मृत्यु दर 6.5 फीसदी ज्यादा है। इनका कहना है कि राजधानी में कोरोना से हुई मौतों में से 56 प्रतिशत मौते गैस पीड़ित इलाकों में हुई है। इसे लेकर अब इन्होने गैस पीड़ितों के लिए अतिरिक्त मुआवजे की मांग की है तथा 90 फीसदी गैस पीड़ितों को अस्थाई रूप से क्षतिग्रस्त मानते हुए 25 हजार रूपये के मुआवजे की मांग की है।