Employees Allowance Hike : कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर हैं। दरअसल जल्द से जल्द उनके भत्ते भत्ते में वृद्धि देखी जा सकती है। सरकार 10 साल बाद एक बार फिर से भत्ते को बढ़ाने की तैयारी में है। इसके लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। समिति को 2 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
2 महीने के भीतर समिति को अपनी रिपोर्ट पेश करनी होगी
मध्य प्रदेश के कर्मचारियों द्वारा लगातार गृह भत्ता, यात्रा भत्ता सहित सचिवालयीन कार्य भत्ता और अन्य भत्ते बढ़ाने की मांग की जा रही है। राज्य सरकार द्वारा 10 साल बाद इस पर विचार किया जाएगा। इसके लिए राज्य शासन द्वारा वित्त सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। नियमित और संविदा मिलाकर 837000 कर्मचारी भत्ते की पात्रता रखेंगे। ऐसे में 2 महीने के भीतर समिति को अपनी रिपोर्ट पेश करनी होगी।
8 लाख से अधिक कर्मचारियों को इसका सीधा-सीधा लाभ
इसके लिए समिति सभी पक्षों की दलीलों मंथन सुनने के बाद अपनी अनुशंसा पेश करेगी। वही समिति के गठन पर कर्मचारी नेता उमाशंकर तिवारी का कहना है कि विभिन्न भक्तों की दरों में वृद्धि के लिए पहली बार समिति बनाई गई है। इससे पहले ऐसा कभी नहीं किया गया। सरकार द्वारा छठे वेतनमान कर्मचारियों को 2006 में भत्ते का लाभ दिया गया था। वर्ष 2012 में इस भत्ते में वृद्धि की गई थी जबकि प्रदेश के कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ 2016 से दिया जा रहा है। एक बार फिर से भत्ते में दरों की वृद्धि पर चर्चा शुरू हुई है। आशा है इस पर अच्छे परिणाम सामने आएंगे। बता दे कि यदि अन्य भत्तों में वृद्धि होती है तो प्रदेश के 8 लाख से अधिक कर्मचारियों को इसका सीधा-सीधा लाभ मिलेगा।
भत्ते की दरों में वृद्धि 2012 में की गई थी
इससे पूर्व सरकार द्वारा कर्मचारियों को दिए जाने वाले भत्ते की दरों में वृद्धि 2012 में की गई थी। छठे वेतनमान के आधार पर उन्हें गृह भाड़ा भत्ता उपलब्ध कराया गया था। जिनमें सात लाख की आबादी वाले क्षेत्र के लिए वेतन के 10% जबकि 500000 तक की आबादी वाले शहर के लिए 7% और तीन लाख तक की आबादी वाले क्षेत्र के लिए 5% भाड़ा भत्ता दिया जा रहा था।50,000 से कम आबादी वाले क्षेत्र में इसकी दर 3% थी। 2 महीने के भीतर समिति की रिपोर्ट सौंपने के बाद माना जा रहा है कि कर्मचारियों के खाते में एक बार फिर से राशि बढ़ने की संभावना है।