लाखों कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर, मिलेगा प्रमोशन का लाभ, जून में शुरू हो सकती प्रक्रिया, बढ़ेगा वेतन, जानें अपडेट

Kashish Trivedi
Published on -
employees transfer

Employees Promotion 2023 :  प्रदेश के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। जल्द उन्हें प्रमोशन का लाभ दिया जा सकता है। इसके लिए सरकार द्वारा तैयारी की जा रही है। यही उम्मीद जताई जा रही है कि जून से सितंबर महीने के बीच पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। साथ ही अधिकारी कर्मचारियों की नाराजगी को दूर करने का भी प्रयास किया जाएगा।

2016 से प्रमोशन पर रोक

मध्यप्रदेश में 2016 से प्रमोशन पर रोक लगी हुई है। जिसके बाद अब चुनावी वर्ष में सरकार प्रदेश के अधिकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दे सकती है। उच्च स्तर पर शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। जून से सितंबर महीने के बीच इसके लिए प्रक्रिया को शुरू किया जा सकता है।

हालांकि अधिकारियों की पदोन्नति उच्चतम न्यायालय के अधीन रहेगी यानी न्यायालय का जो भी निर्णय होगा, अधिकारी कर्मचारियों को स्वीकार करना होगा। 7 साल से मध्य प्रदेश में प्रमोशन पर रोक लगा हुआ है। जिसके कारण प्रदेश के 70 हजार कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं। कर्मचारियों में से 39 हजार कर्मचारी ऐसे थे, जिन्हें सेवानिवृत्ति से पहले पदोन्नति का लाभ दिया जाना था।

विकल्प के रूप में वरिष्ठ पद का प्रभार

शिवराज सरकार द्वारा बीच का रास्ता निकाल अधिकारियों को विकल्प के रूप में वरिष्ठ पद का प्रभार देने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। पुलिस और जेल विभाग के कर्मचारियों को 8 महीने पहले यह लाभ दिया जा चुका है जबकि स्कूल शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को भी यह प्रभाव सौंपा जा रहा है। हालांकि स्कूल शिक्षा विभाग से कर्मचारी से संतुष्ट नहीं है।

खजाने पर सालाना ढाई हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार

सरकारी आकलन के तहत अगर कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ दिया जाता है तो खजाने पर सालाना ढाई हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार देखा जाएगा। कर्मचारियों के प्रमोशन नहीं हो रहे हैं। आईएएस, आईपीएस सहित अन्य राज्य सेवा प्रशासन के अधिकारियों को प्रमोशन का लाभ दिया जा रहा है। कमलनाथ सरकार के समय मामला विधानसभा में उठाया गया था। तब तत्कालीन स्पीकर ने निर्देश देते हुए कहा था कि जब तक प्रमोशन का फैसला नहीं हो जाता, तब तक अफसरों को भी प्रमोशन ना दिया जाए लेकिन सत्ता बदलने के बाद ही निर्देश और कर्मचारियों की फाइल बीच में ही अटक गई।

यह है मामला

इससे पहले हाईकोर्ट में 2002 में बनाए गए प्रमोशन नियम को रद्द किया गया था। इसमें तर्क दिया गया था कि सेवा के अवसर का लाभ सिर्फ एक बार दिया जाना चाहिए। नौकरी में आते समय आरक्षण का लाभ मिलने के बाद पदोन्नति में आरक्षण का लाभ मिल रहा था। इसको लेकर सामान्य वर्ग के कर्मचारियों को आपत्ति थी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने पदोन्नति नियम खारिज कर दिए थे। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि आरक्षण रोस्टर के हिसाब से जो भी प्रमोशन हुए हैं उन्हें रिवॉल्ट किया जाए।

अब एक बार फिर से अधिकारियों पर आंदोलन की चेतावनी दी जा रही है। इसके साथ ही वह सरकार के बीच के रास्ते से संतुष्ट नहीं हैं और उनका कहना है कि प्रभाव और पदोन्नति में से कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ दिए जाए। जून महीने से कर्मचारियों को प्रमोशन का लाभ दिया जा सकता है। इससे पूर्व मध्य प्रदेश की सरकार द्वारा उसी पद का प्रभार देने पर इनाम दिए जाने को लेकर दिसंबर 2020 में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था।

कमेटी ने कर्मचारियों को उसका प्रभार देने की कार्रवाई शुरू की गई थी। इस संबंध में जनवरी 2021 में शासन को अनुशंसा रिपोर्ट सौंपी गई थी। 3 विभाग में कर्मचारियों को अब तक उच्च पद का प्रभार सौंपे जाने की कार्रवाई शुरू हो गई है। प्रमोशन ना होने से सरकारी दफ्तर में अधिकारी कर्मचारियों की कमी हो गई है। इस मामले में अपर मुख्य सचिव विनोद कुमार का कहना है कि कर्मचारियों की पदोन्नति के संबंध में अंतिम निर्णय उसे स्तर पर लिया जाएगा।


About Author
Kashish Trivedi

Kashish Trivedi

Other Latest News