भोपाल। लॉकडाउन (LOCKDOWN) में पूरे प्रदेश में इस समय जो सबसे ज्यादा परेशान और बेबस वर्ग है वो हैं मजदूर| इस समय ना तो उनके पास अपना घर है क्योंकि कामों के सिलसिले में जिन राज्य में वो गए थे अब वो वहीं फस गए हैं और ना ही उनके पास पैसे और ना खाने के लिए पर्याप्त भोजन| उनका जीवन इस लॉकडाउन पीरियड में पहले से कई गुना ज्यादा मुश्किल हो गया है| उनकी इस मुश्किल को समझते हुए सरकार 21 अप्रैल से प्रदेश में मनरेगा के काम शुरू करने जा रही है|
केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार मनरेगा (MGNREGA)में काम करने वाले मजदूरों को ना केवल सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा| बल्कि कार्य़स्थल पर हर व्यक्ति को मास्क पहनना भी अनिवार्य होगा| यह प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी होगी की कार्यस्थल पर सुरक्षा का हर इन्तजाम किया जाए|
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग स्व-सहायता समूहों से मनरेगा के मजदूरों के लिए मास्क बनवा रहा है| ताकि सभी मजदूरों को मास्क मिल सके| अगर मप्र की बात करें तो यहां मनरेगा के अंदर आने वाले 91 लाख मजदूर सक्रिय हैं| जबकि 51 लाख जॉब कार्ड हैं| सरकार ने तय किया है कि मनरेगा की मजदूरी में औसतन 20 रूपय प्रतिदिन बढाय़ा जाएगा| ताकि मजदूरों को ज्यादा लाभ हो| इसी के ही साथ मप्र सरकार 20 अप्रैल से अपने बहुत से उद्योंगो को खोलने की इजाजत जल्दी ही दे सकती हैं| ताकि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जा सकें जो उद्योग खोले जाएंगे| उनमें बहुत से सुरक्षा के इंतजमात किए जाएंगे और केवल 40 से 50 फीसदी मजदूरों को ही काम पर बुलाया जाएगा| ताकि कोरोना से संक्रमित होने का खतरा ना बन सके|